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लखनऊ विवि में देश-विदेश के 170 से अधिक प्रतिभागियों ने साझा किये नवीनतम शोध

लखनऊ, 14 मार्च (हि.स.)। भौतिक वैज्ञानिक प्रोफेसर ऐल्बर्ट आइंस्टीन के जन्मदिवस के अवसर पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इसमें विभिन्न देशी और विदेशी विश्वविद्यालयों के 170 से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित हुए। आज ब्रेन स्टॉर्मिंग सेशन में भारत के विभिन्न राज्यों के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने नवीनतम शोध कार्यों को प्रस्तुत किया, जिसकी शुरुआत मुख्य वक्ता प्रो. प्रफुल्ल कुमार झां, एमएस विश्वविद्यालय बड़ौदा ने थर्मोइलेक्ट्रिक सामग्रियों के विभिन्न पहलुओं और विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित होने वाले अपशिष्ट ऊर्जा में उनके उपयोग पर जोर दिया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो. एके राय ने अपनी स्वदेशी रूप से निर्मित लेजर प्रेरित ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी के बारे में विशद रूप से वर्णन किया, जिसका उपयोग चंद्रयान 2 मिशन में भूवैज्ञानिक स्थितियों का पता लगाने के लिए किया गया था। नकली दवा और दूध की मिलावट की पहचान में लीब्स के उपयोग के बारे में भी अवगत कराया। इसी सेशन मेन बीएचयू के प्रो. आरएन राय ने ऑप्टिकल उपकरणों और तरंगों के टेरहर्ट्स जेनरेशन के लिए विभिन्न सामग्रियों के एकल क्रिस्टल विकास के बारे में बताया। सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट-सीएसआईआर से प्रो० तेजेंद्र ठाकुर ने फार्मास्युटिकल उपयोग के लिए सिंगल और मल्टीकंपोनेंट सॉलिड मटीरियल्स के विकास पर रोशनी डाली। एक आयामी नैनोट्यूब से दो आयामी रेखांकन तक की आश्चर्यजनक यात्रा पर ध्यान केंद्रित करते हुए बीएचयू के प्रो. अंचल श्रीवास्तव ने रडार उद्योग में और जैव प्रौद्योगिकी में नैनोफिल्टर, प्रतिदीप्ति स्क्रीन के बारे में भी चर्चा की। नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी नयी दिल्ली के डा. बीके गुप्ता ने ल्यूमिनसेंट सामग्रियों पर आधारित सुरक्षा वर्णक के अपने स्वदेशी विकास के बारे में अवगत कराया जो हमारी मुद्रा, पासपोर्ट और कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए समय की तत्काल आवश्यकता है। अस्सी पोस्टर प्रस्तुतियों में से तीन युवा शोधार्थियों को सर्वश्रेष्ठ पोस्टर पुरस्कार भी दिए गए। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/दीपक

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