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बच्चे को कुपोषण-क्षय रोग से मुक्त कराना सभी की नैतिक जिम्मेदारी: आनंदीबेन

-देश को 2025 तक कुपोषण मुक्त करने पर दिया जोर लखनऊ, 24 मार्च (हि.स.)। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि बच्चे को कुपोषण एवं क्षय रोग से मुक्त कराना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने संभ्रान्त लोगों, स्वयंसेवी संस्थाओं, अधिकारियों का आह्वान किया कि वे अभियान चलाकर क्षय रोग एवं कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल करें ताकि देश को 2025 तक कुपोषण मुक्त किया जा सके। राज्यपाल मोहनलालगंज के शेरपुर में बुधवार को बच्चों को खेल एवं पोषण सामग्री वितरण के बाद बोल रही थीं। उन्होंकहा कि ये उन्होंने जनसामान्य से भी अपील की कि वे भी अपने राष्ट्र धर्म का पालने करें तथा यदि कहीं पर भी कुपोषित एवं क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को देखे तो तत्काल सूचना दें ताकि उन्हे गोद लेकर उनकी समुचित देखभाल हो सके। 55 आंगनवाड़ी केन्द्रों में खेलकूद, पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री वितरित राज्यपाल की पहल पर आज लखनऊ जनपद की 130 आंगनवाड़ी केन्द्रों को जिला प्रशासन एवं एकेटीयू से सम्बद्ध 26 इंजीनियरिंग कॉलेजों के सहयोग से वितरित की जाने वाली खेलकूद, पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री के तीसरे व अंतिम चरण का समापन हो गया। इस दौरान 55 आंगनवाड़ी केन्द्रों में वितरण कार्यक्रम किया गया। इसमें शेरपुर मोहनलालगंज में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल स्वयं मौजूद रहीं। जबकि सरोजनीनगर के कल्ली पश्चिम प्रथम में निदेशक राज्य पोषण मिशन, गोसाईगंज के रकीबाबाद में महापौर संयुक्ता भाटिया, बीकेटी के सुवंशीपुर में विधायक अविनाश त्रिवेदी, चिनहट के खरगपुर जागीर में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल महेश कुमार गुप्ता, माल ब्लाक के धुमचेरा में विधायकजयदेवी, काकोरी ब्लाक के बहरू में सांसद कौशल किशोर तथा मलिहाबाद ब्लाक नई वस्ती में जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश के निर्देशन में खेल, पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री वितरित की गयी। गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए धनराशि का करें इस्तेमाल राज्यपाल ने कहा कि आज का यह कार्यक्रम संस्कार, शिक्षा एवं आरोग्य के लिए समर्पित है। सरकार के द्वारा भी जो गोद भराई के कार्यक्रम कराये जाते हैं उनका एकमात्र यही उद्देश्य होता कि किसी भी दशा में कुपोषित बच्चा पैदा न हो। उन्होंने जनसमुदाय से अपील की कि गर्भवती महिलाओं के पोषण के लिए जो सरकारी 5,000 रुपये की सहायता मिलती है उसका उपयोग पोषण के लिए ही करें। इसके साथ ही गर्भावास्था के समय से ही अच्छी शिक्षा एवं संस्कार दें। इस अवसर पर उन्होंने महाभारत के चक्रव्यूह तोड़ने के प्रसंग पर चर्चा के दौरान बताया कि अभिमन्यु ने गर्भ में ही चक्रव्यूह तोड़ने की शिक्षा सीख ली थी इसलिए यदि हम बच्चों को संस्कारवान बनाना चाहते हैं तो हमें बचपन से बच्चों को कच्चे घड़े की तरह आकार देना होगा। आंगनवाड़ी केन्द्रों का मैपिंग करने का निर्देश इस अवसर पर राज्यपाल ने आंगनवाड़ी केन्द्रों का मैपिंग करने का निर्देश दिया ताकि उनमें सभी प्रकार की सूचनाएं दर्ज हो जायें। राज्यपाल ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थाओं में तो सभी स्तर की सुविधाएं होती हैं लेकिन निचले स्तर पर ऐसा नहीं है हमें यह खाई पाटनी होगी और हमें अपने आंगनवाड़ी केन्द्रों को रूचिकर एवं बच्चों के लिए सुविधा सम्पन्न बनाना होगा। इंजीनियरिंग कॉलेजों को प्रशस्ति पत्र देकर किया सम्मानित इस अवसर पर राज्यपाल नेे सहयोग करने वाले समस्त इंजीनियरिंग कॉलेजों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया तथा आंगनवाड़ी केन्द्रों के मैपिंग से संबंधित साफ्टवेयर का लोकार्पण भी किया। ज्ञातव्य है कि जिला प्रशासन एवं एकेटीयू से सम्बद्ध 26 इंजीनियरिंग कॉलेजों के सहयोग से पूर्व में 8 जनवरी तथा 8 फरवरी को 40-40 आंगनवाड़ी केन्द्रों को खेल पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री वितरित की गयी थी। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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