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चक्रवाती तूफान 'यास' से नहीं प्रभावित होगा मानसून, नम हवाओं से गिरेगा तापमान

— कानपुर सहित मध्य जिलों में हल्की बूंदाबांदी के साथ चलेगीं हवाएं कानपुर, 27 मई (हि.स.)। पश्चिमी तट पर बीते दिनों सक्रिय हुए ताउते तूफान के बाद अब पूर्वी तट पर यास तूफान सक्रिय हो गया है। इस तूफान का असर उत्तर प्रदेश में भी देखने को मिलेगा, हालांकि हवाओं की रफ्तार 20 किमी के आसपास रहेंगी। इसके साथ ही यास तूफान बंगाल की खाड़ी से नम हवाएं लाएगा, जिससे कानपुर सहित मध्य क्षेत्र में गुरुवार से हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इस तूफान से जो पहले आशंका थी वह अब दूर हो गई है और मानसून प्रभावित नहीं होगा और सामान्य बारिश होगी। यह जरुर होगा कि मानसून में कुछ देरी हो सकती है। यह बातें गुरुवार को सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने कही। चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) कानपुर के मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान है की यास चक्रवात का असर लखनऊ के पश्चिम में कानपुर मण्डल सहित अन्य जिलों में 28 एवं 29 मई को हाई क्लाउड के साथ थोड़ी बहुत बूंदाबांदी वह भी पांच मिली मीटर से कम होने की संभावना है। कानपुर मंडल में अगले दो दिनों में जो अभी तक शुष्क हवाएं चल रही थी वह गुरुवार से यास तूफान के कारण अब बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से नम एवं आद्र हवाएं आने लगेगीं, जिससे उत्तर प्रदेश के कानपुर सहित मध्य जिलों में तापमान बढ़ने पर रोक लगेगी, लेकिन उत्तर भारत के दिल्ली राजस्थान पंजाब में तापमान में बढ़ोतरी संभावित है और कहीं-कहीं हल्की बूंदाबांदी हो सकती है हवाओं की गति भी 20 किलोमीटर के ऊपर नहीं जाएगी। सीएसए के मौसम वैज्ञानिक डा. एसएन सुनील पाण्डेय ने बताया दक्षिण पश्चिम मानसून के अपने नियत समय पर आने की संभावना है जैसा कि वेदर मॉडल देखने पर संभावना व्यक्त की जा रही है कि नार्दन लिमिट ऑफ मानसून जिसको मानसून की उत्तरी रेखा कहते हैं वह श्रीलंका के मध्य भाग को पार कर चुकी है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा। समुद्र की स्थितियां जैसे तापमान एवं वायु की दिशा के साथ अरब सागर से दक्षिण पश्चिम हवाएं जो मानसून लेकर आती हैं वह स्ट्रांग होने लगी हैं। पश्चिमी तटों पर प्री मानसून गतिविधियां बढ़ी हैं यास तूफान के कारण दक्षिण पश्चिम मानसून मजबूत हुआ देखते हुए ऐसा प्रतीत होता कि दक्षिण पश्चिम मानसून अगले 48 से 72 घंटों में केरल के तट पर दस्तक दे सकता है। दक्षिणी पश्चिमी मानसून की रफ्तार पर लगेगा ब्रेक मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि ओड़िशा और बंगाल के तटीय क्षेत्रों में उत्पात मचाने के बाद यास तूफान दक्षिणी- पश्चिमी मानसून की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा सकता है। केरल की इसकी दस्तक थोड़ा आगे खिसक सकती है। हालांकि मानसून की बारिश उतनी ही रहेगी, जितनी संभावना पूर्व में जताई गई है। मानसून की दस्तक को लेकर एक-दो दिन में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग नया शेडयूल भी जारी कर सकता है। चंद्र शेखर आज़ाद यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी एवं केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय) की मानें तो यास तूफान मानसून के आगमन को प्रभावित कर रहा है। यह असर कितना होगा? और कब तक होगा? इस पर लगातार निगरानी हो रही है। मौसम वैज्ञानिक के मुताबिक इस साल होने वाली मानसून की बारिश पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। वह वैसी ही होगी, जैसी पूर्व में संभावना जताई गई है। कुल मिलाकर यास तूफान मानसून की गति पर असर डालेगा, बारिश पर नहीं। मानसून के आगमन से ठीक पहले आया यास तूफान गौरतलब है कि मौसम विभाग ने केरल में मानसून की दस्तक एक जून को बताई है, जबकि स्काईमेट वेदर ने 31 मई की संभावना जताई है। अंडमान निकोबार में मानसून आ भी गया है। लेकिन यास के प्रभाव से दक्षिणी- पश्चिमी मानसून की दस्तक प्रभावित होती जा रही है। दरअसल, प्रभाव तो ताउते का भी पड़ सकता था किन्तु ताउते और मानसून की दस्तक के बीच लगभग 12 दिन का अंतराल था। इसलिए काई फर्क नहीं पड़ा। जबकि यास तब आया है जब मानसून का आगमन भी होने ही वाला है। हिन्दुस्थान समाचार/अजय

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