सावन के पहले सोमवार को बंद रहे पाण्डेश्वरनाथ मन्दिर के कपाट
सावन के पहले सोमवार को बंद रहे पाण्डेश्वरनाथ मन्दिर के कपाट

सावन के पहले सोमवार को बंद रहे पाण्डेश्वरनाथ मन्दिर के कपाट

फर्रुखाबाद, 06 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में सावन के पहले सोमवार को महाभारत कालीन मंदिर पांडेश्वर नाथ मन्दिर के कपाट बंद रहे। कोरोनावायरस के भय से गंगा तट पांचाल घाट पर भी सन्नाटा रहा। प्रसिद्ध शिव मंदिर पुथरी पर भक्तों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए पूजा अर्चना की। इस दौरान जहां मंदिरों के कपाट बंद रहे वहीं शिव भक्तों ने अपने अपने घरों में भगवान शिव की पूजा अर्चना की और शिव का जलाभिषेक किया। उल्लेखनीय है कि महाभारत काल में जिस समय पांडव अज्ञातवास पर थे। उस समय उन्होंने अपना सर्वाधिक समय फर्रुखाबाद जिले में बिताया। जिस की प्रमुख वजह यह थी कि पांडवों की ससुराल फर्रुखाबाद जिले के कस्बा कंपिल में थी। उस समय कंपिल को पांचाल प्रदेश की राजधानी का दर्जा प्राप्त था। कम्पिल पांचाल प्रदेश की राजधानी थी। यहां के राजा द्रुपद की पुत्री द्रोपदी का विवाह अर्जुन के साथ हुआ था। इस वजह से अज्ञातवास के दौरान पांडव गंगा के किनारे से होते हुए हस्तिनापुर से फर्रुखाबाद आ गए। फर्रुखाबाद में जिस जगह पांडव ठहरे उसे आज भी पंडा बाग के नाम से जाना जाता है। पांडवों के साथ उनकी मां कुंती भी आई थी। कुंती के पूजा अर्चना के लिए पांडवों के गुरु द्रोण ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। जिस वजह से पंडा बाग के शिव मंदिर का पौराणिक महत्व है। यहां सावन के महीने में भारी भीड़ जमा होती थी। लेकिन इस बार कोरोनावायरस की वजह से भीड़ को नियंत्रण करने के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। मंदिर के पुजारी गोपाल शर्मा बताते हैं कि सावन के पांचों सोमवार को यह मंदिर बंद रहेगा। यह निर्णय कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लिया गया है। उन्होंने बताया कि भगवान शिव तो हर जगह विराजमान हैं। भक्तों को अपने घर पर श्रद्धा भाव से रुद्राभिषेक कर भगवान की पूजा अर्चना करनी चाहिए। वहीं दूसरी तरफ ऐतिहासिक मन्दिर पुथरी में भक्तों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शिव का रुद्राभिषेक किया। और पूजा अर्चना कर आत्मिक आनंद और मानसिक शांति की अनुभूति की। सबसे खास बात यह है कि जिले के पांचाल घाट और श्रंगीरामपुर के गंगा तटों से मध्य प्रदेश तथा अन्य जिलों से आकर कामर्थी जल भरकर ले जाते थे। सोमवार के दिन इन घाटों पर कांवरियों का मेला लगा रहता था। लेकिन इस बार कोरोनावायरस की वजह से जिलाधिकारी ने घाटों पर भीड़ इकट्ठी होने पर रोक लगा दी है। इसके बावजूद शिव भक्तों की आस्था में कोई कमी नहीं आई। शिव भक्तों ने अपने-अपने घरों पर आशुतोष की पूजा अर्चना की। शहर से लेकर गांव के गलियारों तक में सावन के पहले सोमवार पर ओम नमः शिवाय का मंत्र गूंजता रहा। लोग शिव की पूजा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे। पांडेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी गोपाल शर्मा बताते हैं कि आजादी के बाद से पहली बार मंदिर के कपाट बंद हुए हैं। इससे पहले कभी मंदिर के कपाट बंद नहीं किए गए। जिलाधिकारी ने बताया कि कावरियों के जल भरने पर मनाही नहीं है। भीड़ इकट्ठा होने पर रोक लगाई गई है। हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रपाल/राजेश-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in