मोदी सरकार ने डीजल-पेट्रोल पर लगभग 217 प्रतिशत टैक्स की अब तक की वृद्धि -माले

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लखनऊ, 19 फरवरी (हि.स.)। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माक्सवादी) उत्तर प्रदेश राज्य सचिव मंडल ने शुक्रवार को एक जारी बयान में डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस के दामों में बेलगाम, बेतहाशा वृद्धि का तीव्र विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। माकपा सचिव मण्डल ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा ऐसे समय में पेट्रोल, डीजल के दामों में भारी वृद्धि की गयी है, जब तेल की अन्तर्राष्ट्रीय कीमतों में गिरावट हुई है। 2014 में पेट्रोल की अन्तर्राष्ट्रीय मूल कीमत रूपये 47.12 थी जो 2021 में घटकर रुपये 29.34 हो गयी है। पेट्रोल-डीजल के दामों में वर्तमान आसमानी उछाल का मुख्य कारण केन्द्र सरकार द्वारा की गयी एक्साइज ड्यूटी में 38 प्रतिशत की बेलगाम वृद्धि है। 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से अब तक डीजल-पेट्रोल पर लगभग 217 प्रतिशत टैक्स की वृद्धि की गयी है। डीजल-पेट्रोल में की गयी यह वृद्धि महामारी एवं आर्थिक मंदी की दोहरी मार झेल रही जनता पर कपटपूर्ण हमला है। यह कॉरपोरेट और अमीरों को दी गयी रियायतों का नतीजा है। 2020-2021 के बजट में पूंजीपतियों एवं अमीरों को टैक्स में पिछले वर्ष के मुकाबले 2.11 लाख करोड़ की रियायत दी गयी है, जिसकी भरपाई डीजल-पेट्रोल के दामों की वृद्धि द्वारा जनता पर बोझ बढ़ाकर की जा रही है। डीजल-पेट्रोल के दामों में वृद्धि से सभी आवश्यक वस्तुएं के दाम भी बढ़ जायेंगे। यात्रा महंगी होगी। इससे जनता की दुश्वारियां और बढ़ेगी। राज्य सचिव मण्डल ने आवाहन किया है कि 22 फरवरी को पार्टी इकाईया, तेल व रसोई गैस के मूल्यवृद्धि का विरोध करते हुए इसे वापस लेने की मांग करें। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक/मोहित

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