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रस्मे चिरागां के साथ मिस्कीन शाह वारसी का उर्स सम्पन्न

बांदा, 17 फरवरी (हि.स.)। आपसी सौहार्द की मिसाल नरैनी रोड स्थित मिस्कीन शाह वारसी की दरगाह में बसंत पंचमी के खास मौके पर होने वाला तीन दिवसीय उर्स बुधवार की सुबह रस्मे चिरागां के साथ संपन्न हो गया। उर्स के मौके पर दरगाह में हिन्दू मुस्लिम दोनों ही धर्मों के मानने वालों ने दरगाह में पहुंच कर चादर चढ़ाई मन्नतें मांगी फातेहा पढ़ी। उर्स में देश भर से अकीदतमंद दरगाह में जियारत करने पहुंचे। उर्स के तीसरे दिन बसंत पंचमी के दिन दरगाह में मेला लगा दरगाह में अकीदत मन्दों की भीड़ जियारत करने पहुंची, सारा दिन दरगाह में मेला लगा रहा। हिन्दू मुस्लिम दोनों ही धर्मो के मानने वाले अकीदत श्रद्धालुओं ने दरगाह में चादर चढ़ाई मन्नतें मांगी। रात में दरगाह परिसर में खानकाही कव्वालियों की महफिल सजी, सुबह चार बज कर तेरह मिनट पर हजरत वारिस अली शाह देवा शरीफ की कुल शरीफ विशेष फातेहा हुई, इस फातेहा में एहरामपोश तगय्युर शाह वारसी के साथ सैकड़ों अकीदत मन्दों ने फातेहा पढ़ी और दुआ मांगी। फजिर की नमाज के बाद दरगाह परिसर में चिरागां जुलूस उठाया गया ये चिरागां जुलूस हिंदुस्तान की इसी दरगाह में ही उठाया जाता है इसे देखने के लिए अकीदत मंद दूर-दूर से यहां आते हैं। इस चिरागां जुलूस में विशेष भाषा में कव्वाली गाई जाती है दरगाह परिसर में कव्वालों की विशेष कव्वाली के साथ चिरागां कि रस्म अदा हुई और फातेहा पढ़ी गई और तबर्रुक प्रसाद वितरण किया गया।इसी के साथ तीन दिवसीय मिस्कीन शाह वारसी के उर्स का समापन्न हो गया। इस उर्स के मौके पर एहरामपोश बेनजीर शाह लखनऊ, अजमल शाह बांदा, इकबाल शाह बिंदकी, मुनव्वर शाह बांदा, सूफी साबिर पूना, तगय्युर शाह कानपुर, बेमिसाल शाह आगरा अजमल शाह उर्फ मुन्ना बाबा खादिम दरगाह के अलावा सैकड़ों अकीदत मंद शामिल हुए अंत में दरगाह के मुतवल्ली निजामुद्दीन फारूकी ने सभी आये हुए महमानों का शुक्रिया अदा किया। हिन्दुस्थान समाचार/अनिल-hindusthansamachar.in

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