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मीरजापुर : लोकार्पण की बाट जोह रहा 16 करोड़ की लागत से बना रोपवे

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी माडल पर तैयार किया गया पूर्वांचल का पहला रोपवे मीरजापुर, 26 जून (हि.स.)। अष्टभुजा पहाड़ी पर पूर्वांचल का पहला रोपवे बनकर तैयार हो गया है। अब इसे इंतजार है तो लोकार्पण का। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विंध्यधाम में पर्यटन को बढ़ावा देने और भक्तों की सुविधा के लिए इसका लोकार्पण करेंगे। ट्रिपल पी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत 16 करोड़ की लागत से बने इस रोपवे को दो जगहों पर स्थापित किया गया है। पहला कालीखोह व दूसरा अष्टभुजा मंदिर पर। रोपवे बनने से अब श्रद्धालुओं को अष्टभुजा और काली खोह मंदिर तक पहुंचने में दो मिनट लगेंगे। कालीखोह में चार सीट वाली दो ट्राली जाने और आने के लिए तैयार की गई है। जबकि अष्टभुजा में तीन ट्राली जाने और आने के लिए तैयार की गई है। इस रोपवे की खासियत यह है कि इसे पहाड़ों के बीच से ले जाया गया है। इससे विंध्याचल आने वाले भक्तों को अब जंगल, पहाड़ और प्रकृति के मनोरम दृश्यों को देखने का अवसर मिलेगा। पर्यटन विभाग की तरफ से तैयार यह रोपवे पीपीपी मॉडल पर बनाया गया है। इसके बनने से अब भक्तों को माता के दर्शन के लिए करीब डेढ़ सौ सीढ़ी चढ़नी-उतरनी नहीं पड़ेंगी। दो नवरात्र से टल रहा कार्यक्रम पर्यटन विभाग के अनुसार रोपवे एकदम तैयार है। पहले तो कोविड-19 के तहत हुए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण लोकार्पण का कार्यक्रम टलता गया। अब मुख्यमंत्री की प्रतीक्षा हो रही है। माना जा रहा है कि वे जल्द ही इसका लोकार्पण कर सकते हैं। देश के कोने-कोने से प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां विंध्यवासिनी, अष्टभुजा और काली खोह के दर्शन के लिए आते हैं। पहले जहां दर्शनार्थियों को कालीखोह पहाड़ पर मां काली के दर्शन-पूजन करने के बाद 135 सीढ़ी चढ़कर मां अष्टभुजा के दर्शन के लिए जाना पड़ता था। वहीं अब लोग रोपवे के जरिए जा सकेगें। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी नवीन सिंह ने बताया कि रोपवे एकदम तैयार है। किसी भी समय इसका लोकार्पण किया जा सकता है। इसके तैयारी की सूचना शासन को भेज दी गई है। जैसा निर्देश होगा, किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/विद्या कान्त

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