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मीरजापुर : पेयजल मिशन के तहत 809 गांवों में 262 स्थानों पर बनवायी जाएगी टंकी

-मात्र 77 स्थानों पर शुरू हुआ टंकी का निर्माण कार्य -बांधों से पानी लेने के लिए इंटकवेल के लिए नहीं मिल पा रही अनुमति मीरजापुर, 02 मार्च (हि.स.)। हर घर नल योजना के तहत जिले के 809 गांवों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 262 स्थानों पर टंकी बनवायी जाएगी। अभी तक मात्र 77 स्थानों पर टंकी का निर्माण कार्य शुरू हो पाया है। वहीं विभिन्न स्थानों पर सिंचाई विभाग के बांधों से पानी आपूर्ति के लिए नोडल विभाग लघु सिंचाई विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं मिल पाया है। यहीं वजह है कि इंटकवेल बनवाने का कार्य शुरू ही नहीं हो पा रहा है। यदि यहीं स्थिति रही तो शासन के नियत समय पर पेयजल आपूर्ति शायद ही शुरू हो पाए। हर-घर नल योजना के तहत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए शासन ने 2200 करोड़ का प्रोजेक्ट शुरू कराया है। इस योजना के तहत 809 गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए 262 स्थानों पर टंकी बनवा कर पाइप लाइन बिछायी जाएगी। कुछ स्थानों पर टंकी को पानी से भरने के लिए गहरा बोर कर ट्यूवबेल लगवाया जाएगा। वहीं पहाड़ी इलाके में आस-पास स्थित सिंचाई विभाग के बांधों से पानी लेकर आपूर्ति की जाएगी। इन बांधों से पानी आपूर्ति के लिए लघु सिंचाई विभाग इंटकवेल बनवाएगा। टंकी निर्माण के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। इसी तरह जिन गांवों में बांधों से पानी आपूर्ति किया जाना है। उन बांधों को भी चिह्नित कर इंटकवेल बनवाने के लिए विभाग के अनापत्ति प्रमाण पत्र मांगा गया है। लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता नरेंद्र बहादुर सिंह का कहना है कि अभी तक सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। यहीं वजह है कि इंटकवेल बनाने का कार्य शुरू नहीं हो पाया है। अधिशासी अभियंता लघु सिंचाई ने बताया कि पेयजल मिशन योजना के तहत टंकी निर्माण और पाइप लाइन बिछाने का कार्य अब शुरू करा दिया गया है। करीब चौबीस गांवों में पाइप लाइन बिछाने के लिए गड्ढे की खुदाई का कार्य आरम्भ हो गया है। वहीं 77 स्थानों पर टंकी का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस माह तक सभी स्थानों पर टंकी का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। पेयजल संकट से ग्रस्त हैं जिले के तीन ब्लॉक जिले के तीन ब्लॉकों के 350 गांव पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। इनमें राजगढ़, पटेहरा और हलिया ब्लॉक के कई गांवों में मार्च महीने से ही पेयजल संकट शुरू हो जाता है। भू-जलस्तर खिसक जाने से हैण्ड पम्पों से पानी नहीं मिल पाता है। अधिकांश गांवों में मार्च के अंत तक पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर की प्रयोग किया जाता है। सर्वाधिक दिक्कत हलिया व राजगढ़ ब्लॉक की है। पहाड़ी इलाका होने के कारण गर्मी के दिनों में पशुओं के समक्ष भी पीने के पानी की समस्या खड़ी हो जाती है। हलिया गांव के पहाड़ी इलाके में पेयजल के लिए इस समय मात्र एक हैण्ड पम्प से पानी मिल रहा है। उस हैण्ड पम्प पर सुबह होते ही ग्रामीणों की पीने के पानी को लेने के लिए भारी भीड़ जुट जाती है। हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/संजय

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