Mercury again rolled at 5 ° C, shivering Hamirpur
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पारा फिर 5 डिग्री सेल्सियस पर लुढ़का, कंपकंपाया हमीरपुर

- अधिकतम पारा भी दो डिग्री सेल्सियस नीचे गिरा, कोहरे की धुंध में ढका शहर हमीरपुर, 31 दिसम्बर (हि.स.)। साल 2020 के आखिरी दिन यहां पारा 5 डिग्री सेल्सियस पर लुढ़क गया जिससे लोग कंपकंपा उठे। इतना ही नहीं आसमान में सूरज के लुकाछिपी के कारण अधिकतम पारा भी दो डिग्री सेल्सियस नीचे गिर गया। शाम होते ही पूरे शहर में कोहरे की धुंध छा गयी है। लोग ठंड से बचने के लिये घरों में दुबक गये है। ठंड का कहर सबसे अधिक मवेशियों पर पड़ रहा है। नए साल आते ही सर्दी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया। गुरुवार को न्यूनतम और अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। न्यूनतम तापमान 5.02 और अधिकतम 16.02 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। सारा दिन आसमान में धुंध छाई रही। सुबह कोहरे की वजह से हाइवे पर वाहन रेंगते रहे। दोपहर तक सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए। इससे पारा लुढ़क गया है। सर्दी ने सितम ढहाया और बर्फीली हवाओं ने जमकर कहर बरपाया। सर्दी के चलते लोग घरों में कैद रहने पर मजबूर रहे। नए साल की अगवानी भीषण ठंड के साथ हुई है। पारा लुढ़कने से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। गुरुवार को न्यूनतम तापमान 5.02 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जबकि अधिकतम तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। कल अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस था, आज 16.02 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। शीतलहर के कारण जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया हैं। लोग आग के पास बैठकर कंपकंपाती ठंड को दूर भगाने का प्रयास कर रहे हैं। घरों से लेकर सड़क किनारें तक सभी लोग ठंड दूर करने के लिए अलाव का सहारा ले रहे हैं। नगर पंचायत के अलावों से लकड़ी का अभाव गुरुवार को 12 बजे तक सूर्य के दर्शन न होने से लोग परेशान रहे। पूरे दिन शीतलहर चलने से वृद्ध एवं मवेशी ठिठुरते रहे। शीतलहर के सामने धूप का असर बेअसर रहा। उधर सुमेरपुर नगर पंचायत द्वारा जलाए जा रहे अलाव ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहे हैं। लकड़ी की मात्रा कम होने से वह कुछ घंटे में ही ठंडे पड़ जाते हैं। कस्बे में सुबह कहीं भी अलाव नहीं जलवाए जा रहे हैं। शाम को ही आठ स्थानों पर अलाव के प्रबंध हैं, लेकिन लकड़ी कम होने के कारण बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन, पुराने सरकारी अस्पताल, नेहा चौराहा में यह कुछ ही घंटे में ठंडे पड़ जाते हैं। इससे लोगों को परेशानी होती है। सुमेरपुर कस्बा वासियों ने बताया कि एक अलाव के लिए महज चार लकड़ी के टुकड़े दिए जा रहे हैं, जो शीतलहर के प्रकोप के सामने बौने साबित हो रहे हैं। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी रवि यादव ने बताया कि गुरुवार से शीतलहर का प्रकोप बढ़ा है। सार्वजनिक स्थानों पर लगने वाले अलावों में लकड़ी की मात्रा बढ़ाने के साथ सुबह भी अलाव जलवाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आसमान पर छाया घना कोहरा सरीला क्षेत्र में कोहरे की चादर में सरीला सहित क्षेत्र का ग्रामीण इलाका पूरी तरह आगोश में समाया रहा। गुरुवार को दिन भर कोहरा छाया रहा। सूर्यदेव भी आसमान में लुका-छिपी का खेल खेलते रहे। कोहरे और शीतलहर की वजह से लोग दिन भर ठिठुरते रहे। हिन्दुस्थान समाचार/ पंकज/मोहित-hindusthansamachar.in

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