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पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड के सर्वांगीण विकास के लिए गठित मंत्रिपरिषद की उप समिति की बैठक सम्पन्न

- सभी विभाग अपनी कार्ययोजना तैयार कर 30 अप्रैल तक उपलब्ध करायें - सुरेश कुमार खन्ना लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के चतुर्दिक विकास के लिए गठित मंत्रि परिषद की उप समिति की सोमवार को योजना भवन में पहली बैठक हुई। उप समिति ने पूर्वांचल तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य संकेतांकों में सुधार, साक्षरता की दर को शत प्रतिशत कराकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, कृषि एवं कृषि उत्पादन से संबंधित प्रतिव्यक्ति की आय में सुधार तथा महिला स्वयं सहायता समूह का गठन एवं माइक्रो फाइनेंस की सुविधा उपलब्ध कराये जाने के संबंध में उप समिति कार्य करेगी। समिति इन सभी पांच बिन्दुओं पर तीन माह में एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित करायेगी। श्री खन्ना ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि इन बिन्दुओं को केन्द्र में रखते हुए विस्तृत सुझाव प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि सुझाव व्यावहारिक हों जिन्हें क्रियान्वित कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपनी कार्ययोजना तैयार कर 30 अप्रैल तक उपलब्ध करा दें। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि प्रदेश सरकार द्वारा एफपीओ पाॅलिसी तैयार कर ली गई है। प्रत्येक ब्लाक में एक-एक एफपीओ बनेगा, जिसके माध्यम से किसानों को फसलों का सही मूल्य मिल सकेगा। इसका उद्देश्य मुख्य रूप से विशिष्ट क्षेत्रों के लिए विशिष्ट फसलों को निश्चित करना तथा मार्केट देना है। मिश्रित खेती को बढ़ावा देने से कृषकों की आय में वृद्धि हो रही है। गन्ना के पेड़ी प्रबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है। इजराइल की कृषि तकनीकी से फर्टीलाइजर का प्रयोग 60 प्रतिशत कम हो रहा है। वित्त मंत्री ने गन्ना उत्पादन में सुधार के लिए रिसर्च पर और अधिक ध्यान दिए जाने पर बल दिया। पशुधन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि कृषकों की आय में 28 प्रतिशत आय पशुपालन से है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में भेड़ एवं बकरी पालन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। जलशक्ति मंत्री ने कहा कि नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग को भी समिति के एजेन्डे में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तथ्य पर विचार किया जाय कि फसल की बुवाई और कटाई के मध्य किसानों के बचे हुए समय में कृषकों को ऐसे अवसर प्रदान किए जायं, जिसके माध्यम से इनकी आय में वृद्धि हो। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान आर्थिक सलाहकार मुख्यमंत्री डा. केवी राजू, अपर मुख्य सचिव गन्ना संजय आर. भूस रेड्डी, प्रमुख सचिव पशुधन भुवनेश कुमार, प्रमुख सचिव पोषण मिशन वी. हेकाली झिमोमि एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

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