Mayawati again requested to withdraw the new agricultural laws
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मायावती ने नए कृषि कानूनों को वापस लेने का फिर किया अनुरोध

लखनऊ, 09 जनवरी (हि.स.)। किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता फिर बिना किसी नतीजे के समाप्त होने को लेकर बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने चिन्ता जतायी है। उन्होंने किसानों की मांगों को स्वीकार कर समस्या का जल्द समाधान करने की गुजारिश की है। मायावती ने शनिवार को ट्वीट किया कि काफी समय से दिल्ली की सीमाओं पर आन्दोलन कर रहे किसानों व केन्द्र सरकार के बीच वार्ता कल एक बार फिर से नाकाम रही, जो अति-चिन्ता की बात है। उन्होंने कहा कि केन्द्र से पुनः अनुरोध है कि नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग को स्वीकार करके इस समस्या का शीघ्र समाधान करे। बसपा सुप्रीमो इससे पहले भी सरकार से देश में लागू तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आन्दोलित किसानों के साथ हठधर्मी वाला नहीं बल्कि सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाकर उनकी मांगों को स्वीकार करके इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर चुकी हैं। उल्लेखनीय है कि किसान संगठनों और सरकार के बीच एक बार फिर बातचीत में कोई समाधान नहीं निकला है। लेकिन, अगली वार्ता के लिए 15 जनवरी की तारीख पर सहमति बन गई है। किसान संगठनों के नेता न तो सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार हुए और न ही कोई और विकल्प पेश कर सके। सरकार की ओर से इन सभी मुद्दों पर विशेषज्ञ समिति के गठन की बात कही गई, जिसे किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। वे कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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