mathura-residents-are-shocked-to-hear-the-jawaharbagh-incident-bjp-has-beautified-the-ruined-garden
mathura-residents-are-shocked-to-hear-the-jawaharbagh-incident-bjp-has-beautified-the-ruined-garden

जवाहरबाग कांड सुन दहल उठते हैं मथुरावासी, उजड़े बाग का भाजपा ने कराया सौंदर्यीकरण

- काफी संसाधनों के साथ लोगों के बैठने-घूमने और व्यायाम करने योग्य किया जवाहरबाग को - आज भी जले और अधजले पेड़ दे रहे हैं जवाहरबाग कांड की गवाही मथुरा, 01 जून (हि.स.)। पांच साल पूर्व दो जून के जवाहरबाग कांड को आज भी मथुरावासी नहीं भूले है, जहां यह दिन इतिहास के काले पन्नों में दर्ज है। इस जवाहरबाग कांड में 29 लोगों की जान चली गई थी वहीं पुलिस के दो अफसर एसपी सिटी और एसआई शहीद हो गए थे। आज चाहे यह जवाहर बाग सौन्दर्यीकरण से परिपूर्ण हो चुका है लेकिन आज भी इसकी गवाही जले हुए पेड़ दे रहे हैं। गौरतलब हो कि, पूरे जवाहरबाग कांड का मुख्य आरोपित गाजीपुर के गांव बाघपुर का रहने वाला रामवृक्ष यादव था, जिसके नेतृत्व में 2013 में स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह का संगठन खड़ा किया गया। कथित सत्याग्रह के नाम पर जवाहर बाग में अवैध रूप से सैकड़ों लोगों के साथ कब्जा कर लिया। 02 जून 2016 को जवाहर बाग में अवैध कब्जा धारियों ने पुलिस और प्रशासन पर हमला किया और वहीं पूरे जवाहर बाग को अग्निकांड में तब्दील कर दिया। कभी हरा-भरा देखने वाला जवाहर बाग पूरी तरह उजाड़ दिया। मुख्य आरोपित रामवृक्ष यादव जो कि सनकी मिजाज का व्यक्ति था। उसे प्रशासन द्वारा बातचीत के माध्यम से कई बार समझाया और जवाहर बाग को खाली करने को कहा। लेकिन, अपराध का पर्याय बन चुका रामवृक्ष यादव प्रशासन को उल्टा धमकी देने लगा। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जवाहर बाग को खाली कराने की पूरी योजना बना ली गई लेकिन इसी बीच एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसआई संतोष यादव खाली कराने से पहले जवाहर बाग की 280 एकड़ जमीन पर कब्जा किए हुए लोगों को समझाने के लिए गए थे। इसी बीच अवैध कब्जाधारियों ने तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल दुवेदी और एसआई सांतोष यादव सहित पुलिस बल पर हमला कर दिया। जिसमें दोनों अधिकारियों की हत्या कर दी गई। 02 जून 2016 की उस काली तारीख सुनकर आज भी मथुरा के लोग से सिहर उठते हैं जिसमें दो जांबाज अफसरों सहित 29 लोगों की जान गई थी। उस घटना के की गवाही आज भी जवाहर बाग में खड़े जले और अधजले पेड़़ रहे हैं। जवाहर बाग कांड की घटना के बाद सरकार द्वारा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। रामवृक्ष के सहयोगी चंदनबोस, राकेश गुप्ता, और वीरेश यादव के विरुद्ध एनएसए के तहत कानूनी कार्रवाई गई। न्यायिक जांच कर रहे आयोग ने 57 गवाहों के बयान दर्ज किए। पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता रविकांत गर्ग सहित छह लोगों ने भी अपने बयान दर्ज कराए थे। जवाहर बाग कांड की घटना के बाद सरकार द्वारा जवाहर बाग के सौंदर्यीकरण कराने का भी ऐलान कर दिया गया। 2016 के बाद जवाहर बाग अब अपने नए स्वरूप में देखने को मिल रहा है सरकार द्वारा करीब 15 करोड़ की लागत से पूरे जवाहर बाग का सौंदर्यीकरण कराया गया है यहां पर यहां पर लोगों के लिए घूमने बैठने व्यायाम करने के लिए तमाम संसाधन लगाए गए हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात यह भी है कि जवाहर बाग को 02 जून की तारीख के लिए काले इतिहास के रूप में जरूर जाना जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in