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मथुरा : कृषि काले कानून को लेकर किसानों ने तैयार गेहूं की फसल जोतकर की बर्बाद

मथुरा, 01 मार्च (हि.स.)। जिले के छाता क्षेत्र गांव उमराया में सोमवार को तीन कृषि काले कानूनों के खिलाफ किसानों अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए अपने खेत में खड़ी हुई गेहूं की फसल को जोतना शुरू कर दिया है और फसल को बर्वाद कर दिया। उनका कहना है कि सरकार अपनी मनमानी करती जा रही है किसान पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा है लेकिन उनकी फसल का मूल्य नहीं मिल पाता है। मथुरा के तहसील छाता के गांव उमराया में सोमवार किसानों ने तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध करते हुए अपने खड़ी हुई गेहूं की फसल को जोतना शुरू कर दिया है। तब इस संबंध में किसानों से बात की तो उन्होंने बताया कि खेत में इतनी की फसल नहीं होती जितना उसमें खर्चा आ जाता है और सरकार लगातार डीजल को भी बढ़ाती जा रही है। इसका असर भी किसानों पर पड़ेगा। अगर सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो हम आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाएंगे, क्योंकि किसान कब तक कर्ज में डूबता जा रहा है। किसान राजाराम ने कहा कि सरकार द्वारा हमारे खेती में काम आने वाले यूरिया खाद को भी महंगा कर दिया है जिसकी वजह से हम अब अपनी फसल में कुछ भी नहीं बचा सकते जितने की फसल होती है उससे ज्यादा तो खर्च हो जाता है। किसान पप्पू ने बताया कि, अगर सरकार किसानों की बात नहीं मानती है तो किसान आत्महत्या करने पर भी मजबूर होंगे। दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन की आग और लगातार बढ़ती जा रही है। हर जगह पंचायतें हो रही है कि किस तरह सरकार के द्वारा जो बिल पारित किए हैं, उन्हें किस तरह सरकार पर दबाव बनाकर रद्द कराया जाए। विरोध में देश में जगह-जगह अपनी खड़ी फसलों को किसान जोत रहे हैं। इस संबंध में उपजिलाधिकारी छाता हनुमान प्रसाद मौर्य से बात की, तो उन्होंने बताया कि अभी तक ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया है अगर आता है तो हम सभी किसान भाइयों से अनुरोध करते हैं कि वह इस तरह का काम न करें। फसल को न जोते, उनकी जो भी मांगे हैं उन्हें लिखित रूप में दें हम उनकी बातों को सरकार तक पहुंचाने में उनकी मदद करेंगे। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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