जात-पात छोड़कर समरसता के भाव को जगाना होगा- मनोज
लखनऊ, 14 जनवरी(हि. स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के अवध प्रांत के सह प्रांत प्रचारक मनोज ने कहा कि समाज में व्याप्त जात-पात के भाव को समाप्त करने के लिए हम समरसता का पर्व मकर संक्रांति उत्सव मनाते हैं। समाज में समरसता का भाव जगाना होगा। लखनऊ विश्वविद्यालय के भूगर्भ विभाग में आयोजित गोष्ठी में बोलते हुए सह प्रांत प्रचारक मनोज ने कहा कि जिस प्रकार खिचड़ी में छोटे अन्न से लेकर बड़ा अनाज तक अपनी भूमिका निभाता है, उसी तरह समाज में हिंदुत्व की भावना को रखने के लिए समरसता का उत्सव अपनी भूमिका रखता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता को सर्व समाज के भीतर लाने के लिए स्वामी विवेकानंद जी ने कठोर तपस्या की। मकर संक्रांति उत्सव से पूर्व हम सभी स्वामी विवेकानंद के जयंती को मनाते हैं। स्वामी विवेकानंद ने एक समरस भारत का स्वप्न देखा था। जिसे पूर्ण करने में सभी ने भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि आज सभी को सामाजिक व्यवस्था में अपनी भूमिकाओं को निभाते हुए सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए कार्य करना है। राष्ट्र के भाव को सामाजिक समरसता के भाव में पिरोना है। हिन्दुस्थान समाचार/शरद-hindusthansamachar.in