Makar Sankranti: Weaver warlords also kite flying message of unity
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मकर संक्रांति : बुनकर सरदारों ने भी पतंगबाजी कर दिया एकता का संदेश

-मुस्लिम संगठनों के युवाओं ने भी गरीब बच्चों में बांटी पतंग वाराणसी, 14 जनवरी (हि.स.)। मकर संक्रान्ति पर्व पर गुरूवार को धर्म नगरी काशी में फिर गंगा जमुनी तहजीब का नजारा दिखा। पर्व पर कई मोहल्लों में मुस्लिम संगठनों से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गरीब बच्चों को नई पतंगें उपहार में दी। वहीं, बुनकर सरदारों ने भी बच्चों के साथ पतंगबाजी में हाथ आजमा समाज में एकता का संदेश दिया। आदमपुर क्षेत्र के पीलीकोठी में सरदार साहेबान और समाजसेवी लोगों ने मकर संक्रांति पर पतंग उड़ा कर लोगों से आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील किया। मकबूल हसन अंसारी, सरदार गुलाम मोहम्मद ने कहा कि काशी में सदियों से गंगा जमुना तहजीब की संस्कृति रही है। आज पतंग उड़ाते समय बचपन की याद ताजा हो गई। पतंग के माध्यम से नगर वासियों को यह भी संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि हर त्योहार को मिलजुल कर मनाना चाहिए। बुनकर सरदारों ने कहा कि त्योहार एक संस्कृति और प्यार का संदेश है। बाबा विश्वनाथ की नगरी कबीर और नजीर की नगरी पंडित मदन मोहन मालवीय के शहर से गंगा जमुनी तहजीब का जो वातावरण है। वह पूरे विश्व में फैलता रहता है। आज देश में आपसी भाईचारा और प्यार मोहब्बत बनाए रखने की बेहद जरूरत है। तभी सच्चे मन से मकर संक्रांति का आनंद मिल सकता है। पतंगबाजी में तुफैल अंसारी, वैजुर्रहमान, कलीम महतो, मकबूल हसन, शमीम अंसारी, हाजी रहमतुल्लाह अंसारी, शकील अहमद, मोहम्मद शोएब, हाजी रहमतुल्लाह अंसारी आदि शामिल रहे। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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