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महात्मा गांधी ने काशी विद्यापीठ की स्थापना जन आंदोलन को मजबूती देने के लिए की : एमजे अकबर

-महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के गौरवशाली सौ वर्ष पूरा होने पर सात दिवसीय शताब्दी महोत्सव का आगाज वाराणसी,10 फरवरी (हि.स.)। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ ने अपनी स्थापना के गौरवशाली 100 वर्ष पूरे कर लिये। शताब्दी वर्ष में बुधवार को विश्वविद्यालय के गांधी अध्ययन पीठ सभागार में सात दिवसीय शताब्दी वर्ष महोत्सव की शुरूआत दीप प्रज्वलन से हुई। समारोह में वर्चुअल शामिल हुए राज्यसभा सांसद व पूर्व केन्द्रीय मंत्री एमजे अकबर ने विद्यापीठ के सौ वर्षो के इतिहास और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान का उल्लेख कर कहा कि महात्मा गांधी ने विद्यापीठ की स्थापना जन आंदोलन को मजबूती देने के लिए की थी। पिछले सौ सालों से काशी विद्यापीठ लगातार इल्म (शिक्षा)बांट रहा है। शिक्षा बांटने से ही बढ़ता है। उन्होंने 21वीं शताब्दी को भयमुक्त करने में विद्यार्थियों से आगे आने का आह्वान किया। कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल ने स्वतंत्रता आंदोलन में काशी विद्यापीठ के अध्यापकों एवं छात्रों की भूमिका व योगदान का उल्लेख किया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.टीएन सिंह ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश की नई शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा पर आधारित है। काशी विद्यापीठ भारतीय शिक्षा पद्धति पर ही आधारित है। कुलपति ने विद्यापीठ के गौरव शाली इतिहास में कुछ नई उपलब्धि जोड़ने के लिए विद्यार्थियों का आह्वान किया। इस दौरान कुलपति ने विद्यापीठ को राष्ट्रीय दर्जा दिलाने की बात कही और इसमें राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल से सहयोग भी मांगा। समारोह में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. योगेंद्र सिंह की भी खास उपस्थिति रही। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के कुलगीत के आडियो का लोकार्पण के बाद दूसरे सत्र में महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित ‘मोहन से महात्मा’ नामक कठपुतली फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया। उद्घाटन सत्र का संचालन डा. राहुल गुप्ता, अतिथियों का स्वागत प्रो. वंशीधर पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव डा. साहब लाल मौर्य ने किया। शताब्दी महोत्सव कार्यक्रम की रूपरेखा सात दिवसीय शताब्दी महोत्सव कार्यक्रम में दूसरे दिन गुरूवार को संगोष्ठी, हस्तशिल्प मेला और पुस्तक मेला का शुभारंभ, व्याख्यान तथा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है। तीसरे दिन खेलकूद प्रतियोगिताएं और फिल्म फेस्टिवल,चैथे दिन चित्रकला, संगीत और साहित्यिक विधाएं तथा नाटक मंचन,पांचवे दिन पुरातन छात्र समागम और सांस्कृतिक संध्या,छंठवे दिन हस्तशिल्प मेला व पुस्तक मेला का समापन तथा सांस्कृतिक महोत्सव,अन्तिम दिन 16 फरवरी को शोभा यात्रा तथा सम्पूर्ति समारोह आयोजित किया जायेगा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर-hindusthansamachar.in

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