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कानपुर में नुक्कड़ नाटक के जरिये कुष्ठ रोग के प्रति किया जागरूक

- किसी के स्पर्श व साथ में खाने से नहीं फैलता कुष्ठ रोग का दिया सन्देश - 13 फरवरी तक चलेगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान कानपुर, 09 फरवरी (हि.स.)। जिले को कुष्ठ रोग मुक्त बनाने के लिए 13 फरवरी तक स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में कुष्ठ रोग के प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर करने व इस बीमारी के प्रति जागरूक करने के लिए कांशी राम ट्रामा सेंटर के सामने मंगलवार को नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। इसके जरिए कुष्ठ रोग के लक्षण व उसके इलाज के बारे में जानकारी दी गई। नुक्कड़ नाटक के जरिये बताया गया कि कुष्ठ रोग किसी के स्पर्श व साथ में खाना खाने से नहीं फैलता। अगर मां को कुष्ठ रोग है और वह एमडीटी का इलाज ले रहीं हैं तो उसके बच्चे को इस रोग के होने का कोई खतरा नहीं रहता। नाटक के माध्यम से बताया गया कि सरकारी अस्पतालों में कुष्ठ रोग का इलाज व दवाएं मुफ्त उपलब्ध कराई जाती हैं । जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. महेश कुमार ने बताया कि नुक्कड़ नाटक का मंचन कर कुष्ठ रोग के लक्षण व उसके इलाज के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2030 तक जिले को कुष्ठ रोग मुक्त करने का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने घर पर ही कुष्ठ रोग की पहचान कर सकता है। चमड़ी के रंग से फीका दाग-धब्बा है और सुन्नपन है जिसमें खुजली न हो, नसों में चुभन या छोटी गांठे हो गई है, हाथ-पैरों में सूखापन हो तो यह कुष्ठ रोग के लक्षण हो सकते हैं। इसे इलाज से ठीक किया जा सकता है। जिला कुष्ठ रोग सलाहकार डॉ. संजय यादव ने बताया कि स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान में कुष्ठ के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए दीवार लेखन, नुक्कड़ नाटक, क्विज प्रतियोगिता, जनसंदेश, पम्पलेट्स इत्यादि के द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जनपद में मार्च 2019 से मार्च 2020 तक कुल 375 कुष्ठ रोगियों की खोज की गयी। वर्तमान में 107 कुष्ठ रोगियों का इलाज चल रहा है। कार्यक्रम में फिजियोथेरेपिस्ट पूजा, नॉन मेडिकल असिस्टेंट आरपी मौर्या, फिजियोथेरेपिस्ट गुलाब कुमार तथा कुष्ठ रोग विभाग के समस्त कर्मचारियों ने भी हिस्सा लिया। दिव्यांग कुष्ठ रोगियों को मिलती है 2500 रुपये प्रतिमाह पेंशन फिजियोथेरेपिस्ट पूजा ने बताया कि कुष्ठ रोगियों के भरण-पोषण के लिए दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना के अंतर्गत कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांगता के शिकार हुए लोगों को 2500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दिया जाता है। उन्होंने बताया कि दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान योजना के तहत जनपद में 286 लोगों को इस योजना के तहत लाभ मिल रहा है। पेंशन सीधे लाभार्थियों के सीधे खाते में भेजी जाती है। यह होंगे दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान के पात्र कुष्ठ रोग से दिव्यांगता हुई हो, प्रतिशत कुछ भी हो। कुष्ठ रोग के कारण दिव्यांग होने वाले प्रदेश के मूल निवासी हों। पहले से कोई भी पेंशन पाने वाले योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे। गरीबी रेखा के नीचे (बीपीएल) की श्रेणी में आने वाली आय सीमा निश्चित की गई है। पेंशन के लिए आयुसीमा की कोई बाध्यता नहीं होगी। हिन्दुस्थान समाचार/महमूद/मोहित-hindusthansamachar.in

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