लखनऊ विवि ने शुरू की संवर्धन व कर्मयोगी योजना, पढ़ाई के साथ अंशकालिक काम की भी व्यवस्था करेगा संस्थान
- एक साल कार्यकाल पुरा होने पर कुलपति ने गुरूवार को पेश किया रिपोर्ट कार्ड, साथ में बताई आगे की कार्य योजना - संवर्धन योजना में सीनियर्स बताएंगे जूनियर को विवि के तौर-तरीके लखनऊ, 31 दिसम्बर (हि.स.)। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय का कार्यकाल एक साल पूरा हाे गया है। एक साल में किये गये कार्यों का रिपोर्ट कार्ड उन्होंने गुरुवार को मीडिया के सामने प्रस्तुत किया। इसके साथ ही नये साल में किये जाने वाले कार्यों के बारे में भी अवगत कराया। इस अवसर पर एंथम हाल में शताब्दी उत्सव के दौरान रिलीज हुई विश्वविद्यालय के वित्तचित्र के पार्श्व संगीत को भी रीलिज किया गया, जिसे पत्रकारिता और जनसंचार विभाग ने तैयार किया था। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय संवर्धन योजना शुरू करने जा रहा है। इसके अंतर्गत सीनियर विद्यार्थी अपने जूनियर की मेंटरशीप करेगा। वह उसको बताएगा कि इसके आगे उसे क्या करने में फायदा होगा। विश्वविद्यालय के तौर तरीकों की भी जानकारी देंगे। यह योजना पूरे भारत में पहली बार किसी विश्वविद्यालय में लागू हो रही है। इसके साथ ही छात्र केंद्रित और छात्र हितैषी योजना "कर्मयोगी योजना" का भी प्रो राय ने लॉन्च किया, जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय के छात्रों को कैंपस में आंशिक समय की नौकरियों के लिए मौका दिया जाएगा। इस योजना के उद्देश्य निम्नलिखित है मूल्यवान मानव संसाधन के रूप में छात्रों की क्षमता का उपयोग, शिक्षा के साथ अर्जन, विश्वविद्यालय की गतिविधियों में छात्रों को शामिल करना, छात्रों को उनके वास्तविक रोजगार प्राप्त करने से पहले काम का अनुभव प्रदान करना, छात्रों को श्रम की गरिमा सिखाना, छात्रों की युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाना आदि है। नियत कार्य के लिए छात्र को मिलेगा 150 रुपये नियत कार्य करने के लिए छात्र को रु 150 का भुगतान किया जाएगा। एक शैक्षणिक सत्र में 50 दिनों की सीमा के अधीन घंटे और अधिकतम दो घंटे काम करने की अनुमति होगी। कर्मयोगी योजना के तहत एक छात्र को दी जाने वाली अधिकतम राशि 15,000 रुपये होगी। यह योजना भी भारत के किसी विश्वविद्यालय में पहली बार लांच हो रही है। उन्नत एम्बुलेंस भी हुई शुरू उसके बाद प्रो. राय ने मीडिया को “उन्नत एम्बुलेंस” सुविधा के बारे में सूचित किया था जो कि उत्तर प्रदेश के प्रो दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री के विधायक निधी के अंतर्गत प्रदान की गई थी। इन महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत के बाद, प्रो राय ने अपनी एक वर्ष की वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसे आईपीपीआर, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा संकलित और तैयार किया गया था। कुलपति ने कहा, पहले वर्ष पारदर्शिता पर ध्यान को किया केन्द्रीत उन्होंने कहा कि संकाय सदस्य अकादमिक मूल्यांकन की तरह वे भी लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में एक वर्ष के कार्यकाल में अपनी उपलब्धियों का प्रदर्शन करने के इच्छुक थे। प्रो. राय ने कहा कि अपने पहले वर्ष के दौरान उन्होंने पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित किया जिसमें उन्होंने कहा कि निर्णय लेने के लिए संवाद आधारित होना चाहिए और तीन महत्वपूर्ण घटक होने चाहिए। उन्होंने कहा कि कुल छह कार्यकारी परिषद की बैठक 20 मार्च 2020 से आज तक बुलाई गई है और इनमें से तीन बैठकों में विश्वविद्यालय के कामकाज के लिए परिषद के सदस्यों द्वारा सराहना हुई है। ढाई करोड़ हिट्स हो चुके हैं लखनऊ विश्वविद्यालय की साइट्स प्रो. राय ने यह भी कहा कि चांसलर और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा 1 अप्रैल 2020 को शुरू की गई रीफर्बिश्ड वेबसाइट में अब सभी दस्तावेज वेबसाइट पर रखे गए हैं और इस वजह से इस नए सुसज्जित वेबसाइट पर अब तक 2.5 करोड़ हिट्स में दर्ज हो चुके हैं। प्रो. राय ने कहा कि विश्वविद्यालय ने संचार के सभी संभावित तरीकों का इस्तेमाल किया है और अपने ट्विटर अकाउंट बनाने के लिए विभागों, संस्थानों और केंद्रों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने निर्णय लेने में विभागों को सशक्त बनाया है, साथ ही, उन्होंने कहा कि आने वाले वर्ष में स्नातकोत्तर और पीएच.डी. प्रवेश भी विभाग स्तर पर आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रायोजित पदक और डिग्री वितरण भी विभाग स्तर पर निष्पादित किए जाएंगे। पूर्व छात्र सेल को मजबूत करने पर दिया गया जोर उन्होंने कहा कि विभाग स्तर पर पूर्व छात्र सेल को मजबूत करने पर भी जोर दिया गया। प्रो. राय का अगला ध्यान वित्त पर था जिसमें उन्होंने मीडियाकर्मियों को संदेश दिया कि विश्वविद्यालय 'अल्टरनेटिव इनकम सोर्सेज' पर जोर दे रहा है और इसके आलोक में सभी विभागों, संस्थानों और केंद्रों के यू ट्यूब चैनल लॉन्च किए हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कंसल्टेंसी सर्विस देने कि तरफ भी कदम बढ़ा रहा है और इंजीनियरिंग और लॉ फैकल्टी से कंसल्टेंसी प्रदान करने की कोशिश की जा रही है। देश में पहला विवि है, जिसने क्रेडिट ट्रांसफर स्कीम को लागू किया प्रो. राय ने कहा कि इस शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रवेश फॉर्मों की बिक्री में तेजी देखी गई है और साथ ही विश्वविद्यालय ने तीन नए शहरों में अपने अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया है। उन्होंने कहा कि नवगठित "नई शिक्षा नीति 2020" के अनुसार, विश्वविद्यालय न केवल उत्तर प्रदेश राज्य में, बल्कि देश में पहले स्थान पर है, जिसने क्रेडिट ट्रांसफर स्कीम और पीएच.डी. अध्यादेश जो अंशकालिक पीएच.डी., एकीकृत पीएच.डी. योजनाएं आदि है। हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/मोहित-hindusthansamachar.in