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सेल्स टैक्स की नौकरी छोड़कर बनाने लगे मिट्टी के बर्तन, अब कई परिवारों को दे रहे रोजगार

बाराबंकी, 22 फरवरी (हि.स.)। सेल्स टैक्स विभाग के कर्मचारी को पॉलीथिन का प्रदूषण इतना अखरा कि उन्होंने वर्ष 2014 में नौकरी से ही त्यागपत्र दे दिया। पॉलीथिन हटाओ अभियान को धार देने के लिए बंकी नगर पंचायत के बाहर मोहम्मदपुर नहरिया के पास मिट्टी के बर्तन बनाने की यूनिट स्थापित कर दी। अब वह चाय के कप, गिलास, कटोरी, प्लेट, गमले आदि बनाकर उनकी लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, अयोध्या, सीतापुर, उन्नाव और हरदोई में आपूर्ति कर रहे हैं। इससे करीब बीस परिवारों को रोजगार भी दे रहे हैं। इस पहल के बाद उन्हें लोग चरन सिंह कुल्हड़ वाले के नाम से जानने लगे हैं। बाराबंकी में विकास भवन रोड निवासी चरन सिंह सेल्स टैक्स विभाग में पत्रवाहक थे। करीब 35 हजार रुपये प्रतिमाह कमाते थे। उन्होंने बताया कि यूनिट स्थापित करने के बाद व्यक्तिगत आमदनी तो घटी है, पर बीस परिवारों की आजीविका संचालन में मददगार बनने की खुशी है। यूनिट में प्रतिदिन 15 से 20 हजार मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं। इससे माह में कई लाख का कारोबार हो जाता है। उन्होंने कहा कि उनका मकसद पॉलीथिन के खिलाफ लड़ाई है। मिट्टी के बर्तन से गरीबों को रोजगार तो मिलने के साथ ही खाने और पीने में लोगों को प्राकृतिक स्वाद भी मिलता है। लगाई आधुनिक मशीन चरन सिंह ने मिट्टी तैयार करने के लिए आधुनिक मशीन लगाई है। इसमें मिट्टी डालने के बाद वह फिल्टर होकर क्रीम जैसी बन जाती है। इलेक्ट्रॉनिक चाक से बर्तन बनाकर सांचे पर रखा जाता है। जब सूख जाते हैं तो उन्हें भट्ठी में पकाया जाता है। चरन सिंह के मुताबिक सर्वेक्षण के दौरान अफसरों के साथ जाता था। पॉलीथिन का कचरा खाते मवेशी, प्लास्टिक के बर्तनों में गर्म चाय और अन्य रूप में पॉलीथिन का उपयोग और इससे होने वाला प्रदूषण उनको काफी अखरता था। इसी के चलते उन्होंने यह पहल की है। कुल्हड़ वाले के नाम से मशहूर चरन सिंह कभी सेल्सटैक्स में नौकरी करने वाले चरन सिंह आज अपने काम के लिए बाराबंकी ही नहीं आसपास के जनपदों में उन्हें चरन सिंह कुल्हड़ वाले के नाम से जाने जाते हैं। वह इस नाम से ज्यादा ही मशहूर है। चरन सिंह कहते है कि उन्हें यह नाम बहुत ही अच्छा लगता है और उनके इस नाम से बुलाये जाने पर कतई संकोच नहीं करते हैं। हिन्दुस्थान समाचार/हरिराम/दीपक/मोहित

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