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उप्र विधान परिषद में भी पारित हुआ विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन विधेयक

लखनऊ, 25 फरवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भी गुरुवार को विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 ध्वनि मत से पारित हो गया। इससे पहले बुधवार को इसे विधानसभा ने पारित किया था। लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने 24 नवम्बर को कैबिनेट से इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी। विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को लेकर आज विधान परिषद में समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। सपा सदस्यों ने इसके विरोध में वेल में आकर विधेयक की प्रतियां भी फाड़ी। हंगामे को देखते हुए परिषद के सभापति ने दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की। इसके बाद हंगामे के बीच विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 को ध्वनि मत से विधान परिषद से भी पारित करा लिया गया। अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मुहर लगते ही यह विधेयक कानून बन जाएगा। गौरतलब है कि लव जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए योगी कैबिनेट द्वारा 24 नवम्बर को यह अध्यादेश पारित किया गया था। फिर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 28 नवम्बर को इसे अपनी मंजूरी दी थी। इसके साथ ही यह अध्यादेश प्रदेश में लागू हो गया था। नियमानुसार इस अध्यादेश को छह महीने के अंदर विधान मंडल से पारित कराना था, जिसे बुधवार को विधानसभा ने और आज विधान परिषद ने ध्वनि मत से पारित कर दिया। इस विधेयक के अनुसार उत्तर प्रदेश में लव जिहाद या गैरकानूनी तरीके से धर्म परिवर्तन कराने अथवा धर्म छिपाकर शादी करने के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। नाम और धर्म छिपाकर शादी करने, सामूहिक रूप से अवैध धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल होगी। शादी से पहले धर्म परिवर्तन के लिए दो माह पहले नोटिस देना होगा। जिलाधिकारी ऐसे मामलों में अनुमति देंगे। हिन्दुस्थान समाचार/ पीएन द्विवेदी

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