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कृषि विज्ञान केंद्र ने छात्राओं को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे दी जानकरी

शाहजहांपुर, 18 फरवरी (हि.स.)। कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा गुरुवार को नवादा इंदेपुर गांव में श्री सत्यपाल सिंह पीजी कॉलेज पर आयोजित कार्यशाला में छात्र-छात्राओं को फसल अवशेष प्रबंधन की उपयोगिता और खेती से आय बढ़ाने की जानकरी दी गई। अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत मोबिलाइजेशन ऑफ़ कॉलेज स्टूडेंट विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक राजेश यादव ने कहा कि क़ृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजत कार्यक्रम छात्रों के लिए बहुत ही उत्साह वर्धक है। उन्होंने कहा की फसल अवशेष प्रबंधन के जरिये खेत की मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाकर उच्च गुणवत्ता का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है व आय को बढ़ाया जा सकता है। कृषि विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉक्टर एनसी त्रिपाठी ने कहा कि फसल अवशेष जलाकर भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ-साथ पर्यावरण को भी भारी नुकसान होता है। किसी दशा में पराली या फसल अवशेष नहीं जलाना चाहिए। समाज कल्याण विद्या मंदिर के प्रबंधक डॉ. कैलाश यादव ने कहा की कृषि भूमि में जीवाश्म की उपलब्धता दशमलव 8 होनी चाहिए जबकि दशमलव 2 है जोकि चिंता का विषय है। डॉक्टर टीबी यादव ने कहा कि मिट्टी में घटती पोषक तत्वों की मात्रा के कारण खेत में उगाई जाने वाली सब्जियों, फलों व अनाजों में भी पोषक तत्वों की मात्रा घट रही है। फसल अवशेष प्रबंधन अपनाकर उच्च गुणवत्तायुक्त फल, सब्जी व अनाज प्राप्त कर सकते है। मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर रोवित कुमार ने फसल अवशेष जलाने से निकलने वाली विभिन्न हानिकारक गैसों तथा उनसे वातावरण पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में बताया। डॉक्टर एसके वर्मा ने फसल अवशेष प्रबंधन के विभिन्न यन्त्रों एवं उनके प्रयोग से पराली प्रबंधन के बारे छात्राओं को विस्तार से बताया। कार्यशाला के अंत में भाषण, निबंध पेंटिंग, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिनमें सफल प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। प्रसार वैज्ञानिक डॉक्टर चंद्रपाल गुप्ता ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं छात्रों को देश व जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर क्षेत्र में अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। हिन्दुस्थान समाचार/अमित/दीपक-hindusthansamachar.in

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