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काशी विश्वनाथ मंदिर : मुकदमा दायर कराने वाले हरिहर पांडेय को मिली धमकी

- काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर से मुकदमा दायर कराने वाले हरिहर पांडेय को मिली सुरक्षा - पुलिस मोबाइल का सीडीआर निकालकर छानबीन में जुटी वाराणसी, 10 अप्रैल (हि.स.)। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से न्यायालय में मुकदमा पंजीकृत कराने वाले वादी वयोवृद्ध हरिहर पांडेय को फोन से धमकी देने के मामले में पुलिस सर्विलांस से छानबीन में जुट गई है। लक्सा औरंगाबाद निवासी वादी की सुरक्षा के लिए गनर भी दिया गया है। बहु प्रतिक्षित मुकदमें में बीते आठ अप्रैल को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के पक्ष में फैसला देते हुए न्यायालय ने ज्ञानवापी परिसर का रडार तकनीक से पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने की मंजूरी दे दी। इस फैसले को लेकर देर शाम दालमंडी के किसी यासीन ने वादी हरिहर पांडेय को फोन कर जान से मारने की धमकी दी। धमकी देने वाले ने कहा कि मुकदमें में आपने आदेश तो करा लिया। लेकिन एएसआई वाले ज्ञानवापी में घुस नहीं पाएंगे। आप और आपके सहयोगी मारे जाएंगे। इस धमकी के बाद हरिहर पांडेय ने नौ अप्रैल को पुलिस को इसकी जानकारी दी। जानकारी पर उन्हें तत्काल लक्सा थाने से गनर मुहैया कराया गया। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने उनके घर जाकर पूरे मामले की जानकारी ली। एसीपी के निर्देश पर लक्सा पुलिस सर्विलांस के जरिये और मोबाइल का सीडीआर निकालकर मामले की जांच कर रही है। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने शनिवार को मीडिया कर्मियों को बताया कि अभी लिखित शिकायत नहीं की गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए वादी को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। जिस फोन नंबर से फोन आया था, उसकी जांच की जा रही है। गौरतलब है कि, प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विशेश्वरनाथ की ओर से पंडित सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडेय ने बतौर वादी वर्ष 1991 में सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया था। अदालत में मुकदमा दायर होने के कुछ वर्ष बाद पंडित सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा की मौत हो गई थी। अब हरिहर पांडेय इस मुकदमें के पक्षकार के तौर पर बचे हुए हैं। इस मुकदमे में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड प्रतिवादी पक्ष है। पं.सोमनाथ व्यास के निधन के बाद अदालत के आदेश पर पूर्व जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) विजय शंकर रस्तोगी प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग भगवान विश्वेश्वरनाथ की ओर से वाद मित्र नियुक्त हुए। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर

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