कानपुर एनकाउंटर : शहीद थानाध्यक्ष महेश की मां बोली, बेटे ने क्या बिगाड़ा था किसी का
कानपुर एनकाउंटर : शहीद थानाध्यक्ष महेश की मां बोली, बेटे ने क्या बिगाड़ा था किसी का

कानपुर एनकाउंटर : शहीद थानाध्यक्ष महेश की मां बोली, बेटे ने क्या बिगाड़ा था किसी का

रायबरेली, 03 जुलाई (हि.स.)। कानपुर में देर रात हुई मुठभेड़ में शहीद आठ पुलिस कर्मियों में रायबरेली का भी एक लाल है। शुक्रवार को जैसे ही यह सूचना मिली कि उनका बेटा शहीद हो गया है तो पूरे गांव में मातम पसर गया। हर जुबां में शहीद की दिलेरी की चर्चा है। सरेनी थाना क्षेत्र के वनपुरवा निवासी देव नारायण यादव के पुत्र महेश प्रताप यादव यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात हैं। वह वर्तमान में कानपुर देहात के शिवराजपुर थाना में थानाध्यक्ष है। महेश दो भाई थे और वह इस समय लखनऊ में रहते थे। पति के शहीद होने की खबर मिलते ही पत्नी संध्या बार-बार चीखते चिल्लाते हुए बेहोश हो जा रही है। महेश की मां का भी यही हाल है। वह तो रोते-रोते यह कह रही है कि उनके बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था जो उसकी जान चली गयी। इस ख़बर से गांव में भी शोक की लहर है। महेश का पूरा परिवार काफी सादगी वाला है। महेश का स्वाभाव मिलानसार था। मेडिकल की पढाई कर रहा महेश का बड़ा बेटा विवेक का कहना है कि देर रात को पिता से फोन बार आखिरी बार बात हुई थी। फोन उठाते हुए उन्होंने कहा था कि वह एक मुठभेड़ में है बात में बात करते हैं। इस पर बात की जानकारी होने पर विवेक का मन पहले से घबराने लगा था। शुक्रवार को जैसे ही उसके पिता के शहीद होने की खबर मिली तो परिवार में रोना-पीटना मच गया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश Attachments area कानपुर एनकाउंटर : शहीद थानाध्यक्ष महेश की मां बोली, बेटे ने क्या बिगाड़ा था किसी का रायबरेली,03 जुलाई (हि.स.)। कानपुर में देर रात हुई मुठभेड़ में शहीद आठ पुलिसकर्मियों में रायबरेली का भी एक लाल है। शुक्रवार को जैसे ही यह सूचना मिली कि उनका बेटा शहीद हो गया है तो पूरे गांव में मातम पसर गया। हर जुबां में शहीद की दिलेरी की चर्चा है। सरेनी थाना क्षेत्र के वनपुरवा निवासी देव नारायण यादव के पुत्र महेश प्रताप यादव यूपी पुलिस में उपनिरीक्षक के पद पर तैनात हैं। वह वर्तमान में कानपुर देहात के शिवराजपुर थाना में थानाध्यक्ष है। महेश दो भाई थे और वह इस समय लखनऊ में रहते थे। पति के शहीद होने की खबर मिलते ही पत्नी संध्या बार—बार चीखते चिल्लाते हुए बेहोश हो जा रही है। महेश की मां का भी यही हाल है। वह तो रोते—रोते यह कह रही है कि उनके बेटे ने किसी का क्या बिगाड़ा था जो उसकी जान चली गयी। इस ख़बर से गांव में भी शोक की लहर है। महेश का पूरा परिवार काफी सादगी वाला है। महेश का स्वाभाव मिलानसार था। मेडिकल की पढाई कर रहा महेश का बड़ा बेटा विवेक का कहना है कि देर रात को पिता से फोन बार आखिरी बार बात हुई थी। फोन उठाते हुए उन्होंने कहा था कि वह एक मुठभेड़ में है बात में बात करते हैं। इस पर बात की जानकारी होने पर विवेक का मन पहले से घबराने लगा था। शुक्रवार को जैसे ही उसके पिता के शहीद होने की खबर मिली तो परिवार में रोना—पीटना मच गया। हिन्दुस्थान समाचार/रजनीश-hindusthansamachar.in

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