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भारत के पर्यटन मानचित्र में स्थापित होगा कानपुर, उद्यमियों ने भी कसी कमर : मंडलायुक्त

— विश्वस्तरीय ऐतिहासिक स्थलों का कार रैली के जरिये उद्यमियों ने किया अवलोकन कानपुर, 14 मार्च (हि.स.)। औद्योगिक नगरी के रुप में विख्यात कानपुर में ऐसे कई स्थल है जो धार्मिक के साथ ऐतिहासिकता को बयां कर रहे हैं। यही नहीं कुछ स्थल ऐसे हैं जो विश्वस्तरीय है, लेकिन पर्यटन विभाग की अवहेलना से भारत के पर्यटन मानचित्र में स्थान नहीं बना सके। इसको लेकर कानपुर मंडल के मंडलायुक्त डा. राजशेखर ने मुहिम छेड़ दिया है और अगर सही समय पर योजनाओं पर काम हुआ तो वह दिन दूर नहीं होगा जब कानपुर भारत के पर्यटन मानचित्र में स्थान बनाने में सफल होगा। मंडलायुक्त की इस मुहिम में अब तो उद्यमियों ने भी भागीदारी सुनिश्चित कर दी है। कानपुर पंचायत द्वारा मर्चेंट चैम्बर्स ऑफ उत्तर प्रदेश तथा जेसीआई इंडस्ट्रियल कानपुर के सहयोग से कानपुर के पर्यटन विकास के लिए रविवार को एक कार रैली का आयोजन किया गया। कार रैली का शुभारंभ एमएलसी सलिल विश्नोई, मंडलायुक्त डा. राज शेखर, आईजी मोहित अग्रवाल और एडीएम सिटी अतुल कुमार ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली में शहर के उद्यमी, इतिहासकार और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। रैली के प्रतिभागियों ने पहले ऐतिहासिक गांधी भवन का अवलोकन किया और उसके पश्चात विश्व के प्राचीनतम ईंट के मंदिर भीतरगांव के लिए प्रस्थान किया। भीतरगांव के मंदिर का प्रतिभागियों ने अत्यंत रुचि के साथ अवलोकन किया और वहां की कला की सराहना करते हुए कहा कि कानपुर में ऐसी विश्वस्तरीय पुरातात्विक धरोहर है जिसका संरक्षण एवं विकास विश्व स्तर पर किया जाना चाहिए। उसके बाद रैली बहेटा बुज़ुर्ग स्थित विख्यात जगन्नाथ मंदिर में पहुंची। प्रतिभागियों ने अत्यंत उत्सुकता के साथ उस छत एव पत्थर को देखा जिसके बारे में प्रसिद्ध है कि बरसात होने के पूर्व इस मंदिर में पांनी टपकने लगता है। इसके पश्चात रैली ने प्रसिद्ध ईटों के मंदिर निबियाखेड़ा के लिए प्रस्थान किया। यहां पर घाटमपुर विधायक उपेन्द्र पासवान ने रैली के इस प्रयास को सराहा। विधायक ने बताया कि वह अपने क्षेत्र के समस्त पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के विकास एवं संरक्षण के लिए हर प्रकार से प्रयास करते रहेगें। रैली वापस कानपुर आकर फूलबाग में समाप्त हुयी। मर्चेन्ट चेम्बर आफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष मुकुल टण्डन ने बताया कि इस रैली में लगभग 40 कारों ने प्रतिभाग किया, जिसमें कानपुर के ख्याति प्राप्त उद्योग समूह लोहिया कार्प, गोल्डी मसाले, बाबर्ची समूह, अशोक मसाला समूह, कानपुर प्लास्टिक पैक सहित नगर के अनेकों समाज सेवियों, इतिहासकरों, तथा युवावर्ग ने सहभागिता की। इस दौरान सुदीय संस्था के संयोजक धर्म प्रकाश गुप्त, सहसंयोजक सुधीर गोयनका आदि मौजूद रहें। मुगल कला का श्रेष्ठ उदाहरण है बादशाही बाग रैली में शामिल प्रतिभागियों ने औरंगजेब के द्वारा बनवाये गये खजुआ स्थित बादशाही बाग का अवलोकन किया, जो मुगल कला का एक श्रेष्ठ उदाहरण है। कई एकड़ों में फैला यह स्थल पर्यटन की अपार सम्भावनायें संजोये है। बिन्दकी की समीप ग्राम तेंदुली में छठी और सातवीं शताब्दी का अत्यंत सुन्दर और कानपुर परिक्षेत्र का सबसे ऊंचा ईटों का मंदिर स्थित है। इसकी ऊंचाई तथा उस पर ईटों की पच्चीकारी देखकर सभी लोग आवाक रह गये और सभी ने इसे एक अच्छे पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने की बात कहीं। पुरातात्विक धरोहरों को उद्यमियों ने गोद लेने की प्रकट की इच्छा रैली में भागीदारी करने वाले कई उद्योग समूहों ने इन पुरातात्विक धरोहरों को गोद लेने की भी इच्छा प्रकट की। संस्था इन प्राप्त प्रस्तावों को शासन के पास आवश्यक कार्यवाही के लिए प्रस्तुत करेगा। उद्यमियों ने कहा कि हम यहां आकर प्रेरित हुये है कि कानपुर को भारत के पर्यटन मानचित्र पर स्थापित किया जाये और प्रशासन को संपूर्ण सहयोग किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

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