kanpur-more-than-three-hundred-children-won-the-corona-battle-in-the-pediatric-department-of-halat
kanpur-more-than-three-hundred-children-won-the-corona-battle-in-the-pediatric-department-of-halat

कानपुर : हैलट के बालरोग विभाग में तीन सौ से अधिक बच्चों ने जीती कोरोना से जंग

- कोरोना की दूसरी लहर में एक से 14 वर्ष आयु के संक्रमित बच्चों का हुआ था इलाज कानपुर, 21 मई (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए अधिक खतरनाक बताई जा रही है, लेकिन दूसरी लहर के जो आंकड़े सामने आये हैं वह चौकाने वाले हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक बच्चों में रिकवरी रेट बड़े मरीजों की अपेक्षा बहुत बेहतर रहा और हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग से तीन सौ से अधिक बच्चों ने कोरोना को मात देकर स्वस्थ्य हुए हैं। यह वह बच्चे थे जिनकी उम्र एक वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक की थी। हैलट अस्पताल के बाल रोग विभाग ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की, जिसके मुताबिक कोरोना की दूसरी लहर में एक वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चे जो कारोना पॉजिटिव थे। उनमें तीन सौ से अधिक बच्चे स्वस्थ्य होकर अपने घरों को जा चुके हैं। बताया गया कि सबसे ज्यादा संक्रमित बच्चे अप्रैल महीने में पाए गए थे। रिपोर्ट में करीब तीन सौ बाल रोगी हैलट अस्पताल के बालरोग विभाग में हुई आरटीपीसीआर जांच में संक्रमित मिले है। साथ ही कुछ लोगों ने सपरिवार निजी लैब में भी जांच कराई थी, उनमें भी बच्चे संक्रमित पाए गए थे। इस तरह ये आंकड़ा तीन सौ से अधिक हो जाता है। संक्रमण का बच्चों पर घातक प्रहार न होने की वजह से बच्चे बड़े मरीजों की अपेक्षा जल्द स्वस्थ्य हुए। बालरोग विभाध्यक्ष डॉ. यशवंत राव का कहना है कि बड़े मरीजों को देखते हुए बच्चो में संक्रमण का घातक प्रभाव कम था। इसी वजह से बच्चों में रिकवरी जल्द हो गयी थी। बच्चों का मेटाबोलिक सिस्टम अच्छा होता है। उसकी रिकवरी बड़ों की तुलना में बहुत तेजी से होती है। कुछ बच्चों में गहरा संक्रमण था, लेकिन मेटाबोलिज्म अच्छा होने की वजह से तेजी से संक्रमण से मुक्त हो गए। तीसरी लहर की पूरी तैयारी उन्होंने बताया कि संक्रमण की तीसरी वेव से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है। 50 बेड का वेंटिलेटर युक्त आईसीयू तैयार हो गया है। साथ ही 50 बेड आइसोलेशन में रहेंगे। यह बेड बालरोग के अंदर ही रहेंगे। कम संक्रमण वाले बच्चों को यहां रखा जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/महमूद/दीपक

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in