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उत्तराखंड आपदा में कारगर साबित हुआ कानपुर आईआईटी का ड्रोन

— सुरंग के भीतर एक घंटे से कम समय में ड्रोन ने भेजा लाइव एचडी वीडियो कानपुर, 18 फरवरी (हि.स.)। आपदा में तकनीक की महत्वा सदैव से रहती चली आ रही है और नई—नई तकनीक का देश में इजाद किया जा रहा है। हाल ही में उत्तराखंड में आयी आपदा में आईआईटी कानपुर के ड्रोन कैमरे को प्रयोग में लाया गया था और एक घंटे से कम समय में ड्रोन ने एचडी लाइव वीडियो भेजना शुरु कर दिया था। ड्रोन की कामयाबी पर आईआईटी कानपुर अपने को गर्व महसूस कर रहा है। एसआईआईसी आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेटेड कंपनी एंड्योरएयर सिस्टम्स, को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा जोशीमठ, उत्तराखंड में हाल के ग्लेशियर विस्फोट की घटना में खोज और बचाव कार्यों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बुलाया गया था। उन्नत ड्रोन के अपने बेड़े का उपयोग करते हुए, एंड्योरएयर टीम ने बचे हुए लोगों की तलाश के लिए आपदा प्रभावित क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया। उन्होंने बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए साइट का भी निरीक्षण किया। टीम ने उभरती आवश्यकताओं के अनुकूल त्वरित गति से अपने उपकरण को सुरंग के अंदर भेज कर एक घंटे से भी कम समय में सभी के लिए सुरंग के भीतर से ही लाइव एचडी वीडियो प्रसारित कर दिया, जिससे की राहत बचाव के कार्य में तेजी लाई जा सकी। इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एंड्योरएयर टीम ने एनडीआरएफ के अधिकारियों डीआईजी मोहसिन शाहिदी, सीओ पी० के० तिवारी, डीसी आदित्य प्रताप सिंह और प्रधान मंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के तहत नए भारत के नवाचारों का तेजी से विकास कार्यालय से राहुल नैय्यर, अनघ सिंह के साथ मिलकर काम किया है। भारत में ऐसा पहली बार हुआ है कि स्टार्टअप्स को अपनी उभरती हुई स्वदेशी तकनीकों को लाने के लिए आपदा प्रबंधन के शुरूआती दौर के बचाव दल की सहायता करने के लिए बुलाया गया। जिसने न केवल बचाव कार्यों को लाभान्वित किया, बल्कि इस पर बहुमूल्य प्रतिक्रिया भी दी कि कैसे उन्हें और अधिक उपयोगी बनाने के लिए प्रौद्योगिकियों को अनुकूलित किया जाए और आपदा प्रबंधन के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जाए। एंड्योरएयर और आईआईटी कानपुर को अपने ड्रोन का उपयोग करने के लिए बहुत गर्व महसूस हुआ कि राष्ट्र की सबसे ज्यादा जरूरत के समय वो काम कर सके। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित-hindusthansamachar.in

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