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कानपुर : वीडियो वायरल कर कोरोना मरीज ने कहा 'मुझे जिंदा जाना है घर'

— मरीज ने खोली अस्पताल की पोल, मरने को मजबूर हैं मरीज! — वीडियो वायरल होने से अस्पताल प्रशासन में मचा हड़कंप, सभी मरीजों के खींचे गये मोबाइल कानपुर, 18 अप्रैल (हि.स.)। वैश्विक महामारी कोरोना ने देश के वीवीआईपी व्यक्ति से लेकर सड़कों पर गुजर बसर करने वाले व्यक्ति को बराबर पर ला खड़ा किया है। चाहे कोई डाक्टर हो या कोई अधिकारी सभी इलाज के लिए गुहार लगा रहे हैं। हाल ही में दिल्ली के एक डाक्टर का वायरल वीडियो चर्चा का केन्द्र रहा, जिसमें वह कह रहा है कि इसी अस्पताल में काम करने के बावजूद वीवीआईपी लोगों के चलते मुझे बेड नहीं मिल पा रहा है। इसी तरह का एक वीडियो रविवार को कानपुर में वायरल हो गया और वायरल करने वाला व्यक्ति खुद कोरोना मरीज है जो काशीराम ट्रामा सेंटर में भर्ती है। उसने दावा किया कि यहां की सभी व्यवस्थाएं ध्वस्त हैं और मरीज मरने को मजबूर हैं। औद्योगिक राजधानी कानपुर नगर में कोरोना का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है और आलाधिकारियों के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाएं अपनी पूरी क्षमता के अनुसार काम कर रही हैं। इन सबके बीच रविवार को काशीराम ट्रामा सेंटर में भर्ती रेल बाजार निवासी मरीज परीक्षित गुप्ता ने एक वीडियो वायरल कर दिया। वीडियो में वह अस्पताल की व्यवस्थाएं दिखा रहा है और बता रहा है कि यहां की सभी व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं। उसने दिखाया कि आक्सीजन भी मरीजों को नहीं मिल पा रहा है और मरीज तिल—तिल मरने को मजबूर हैं। यह भी दावा किया कि यहां पर मरीजों की हालत बंधक बनाये जैसे हो गई हैं। बताया कि मैं खुद 13 अप्रैल से अस्पताल में भर्ती हूं और इलाज के नाम पर कुछ नहीं किया जा रहा है। उसने लोगों से अपील की कि मेरी मदद करें और कर्ज लेकर घर पर ही इलाज करवा लूंगा। बताया कि उनके परिजन डॉक्टरों से गुहार लगा रहे है कि उनके मरीज की छुट्टी कर दी जाए लेकिन अस्पताल में कोई सुनने वाला नहीं है। आक्सीजन बोतल में नहीं है पानी मरीज ने वीडियो के माध्यम से वहां की जमीनी स्थिति दिखाई है। जैसे ही वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ वैसे ही वहां के कर्मचारियों ने मरीजों के मोबाइल जब्त कर लिए। मरीजों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है कि यहां ऑक्सीजन बोतल में पानी तक नहीं है और सभी दवाएं भी बाहर से लेनी पड़ती है। मरीज ने वीडियो के जरिये गुहार लगाई है कि वह घर जिंदा जाना चाहता है। इसलिए उसको डिस्चार्ज कर दिया जाए। मरीज ने गुहार लगाते हुए कहा कि वो जिंदा रहना चाहता है, इसलिए डाक्टर उसे डिस्चार्ज करें और कर्ज लेकर भी घर पर कराने की बात कह रहा है। सीएमओ नहीं उठा रहे फोन शहर में कोरोना मरीजों को पहले तो अस्पतालों में बेड नहीं मिल पा रहा है और जिसको मिल गया है उनका सही से इलाज नहीं हो रहा है। इस तरह के आरोप बराबर मरीजों के तीमारदार लगा रहे हैं। तीमारदारों के आरोपों के बाद जब मरीज ने ही काशीराम ट्रामा सेंटर से वीडियो बनाकर वायरल किया तो मीडिया कर्मियों ने मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अनिल मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की पर किसी का फोन सीएमओ ने नहीं उठाया। इससे समझा जा सकता है कि कोरोना संक्रमण में अस्पतालों की व्यवस्थाएं किस प्रकार चलती होंगी? हिन्दुस्थान समाचार/महमूद/मोहित

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