just-by-listening-to-bharat39s-character-one-gets-sanjeevani-in-life-morari-bapu
just-by-listening-to-bharat39s-character-one-gets-sanjeevani-in-life-morari-bapu

भरत चरित्र श्रवण करने मात्र से जीवन में मिलती है संजीवनी  : मोरारी बापू

- मोरारी बापू की चित्रकूट में हो रही रामकथा का चौथा दिन चित्रकूट, 01 जून (हि.स.)। मंदाकिनी जी तैरने की जगह नहीं है बल्कि उसमें डूबने की जगह है। डूबना यानि उसकी गहराई में जाकर उसके तत्व को हासिल करना है। ये कथन हैं पूज्य संत मोरारी बापू के। दीनदयाल शोध संस्थान के आरोग्यधाम परिसर चित्रकूट में रामकथा के चौथे दिन मोरारी बापू ने चौपाईयों के माध्यम से भरत चरित्र का बखान करते हुए कहा कि, सिय राम प्रेम पियूष पूरन होत जनमु न भरत को। मुनि मन अगम जम नियम सम दम विषम ब्रत आचरत को॥ दुख दाह दारिद दंभ दूषन सुजस मिस अपहरत को। कलिकाल तुलसी से सठन्हि हठि राम सनमुख करत को॥ श्री सीतारामजी के प्रेमरूपी अमृत से परिपूर्ण भरतजी का जन्म यदि न होता, तो मुनियों के मन को भी अगम यम, नियम, शम, दम आदि कठिन व्रतों का आचरण कौन करता? दुःख, संताप, दरिद्रता, दम्भ आदि दोषों को अपने सुयश के बहाने कौन हरण करता? तथा कलिकाल में तुलसीदास जैसे शठों को हठपूर्वक कौन श्री रामजी के सम्मुख करता? भरत चरित करि नेमु तुलसी जो सादर सुनहिं। सीय राम पद पेमु अवसि होइ भव रस बिरति॥ तुलसीदास जी कहते हैं- जो कोई भरतजी के चरित्र को नियम से आदरपूर्वक सुनेंगे, उनको अवश्य ही श्रीसीतारामजी के चरणों में प्रेम होगा और सांसारिक विषय रस से वैराग्य होगा। चित्रकूट की महिमा पर उन्होंने कहा कि चित्रकूट में भूत, वर्तमान, भविष्य लागू नहीं हो सकता है। कलयुग का जो प्रभाव दिखता है उसकी वजह हम है, चित्रकूट तीनों कालों से मुक्त है। क्योंकि यह भगवान की विहार भूमि रही है। यहां भगवान कण-कण में है। चित्रकूट संतों की भी भूमि है। कभी कोई साधू किसी पर नाराज हो जाये तो बुरा नहीं मानना है, उसकी कठोरता क्षणिक रहती है। उसमें भी कोई हित छिपा रहता है। चित्रकूट में भरत चरित्र गाने से जप यज्ञ के फल की प्राप्ति होती है। रामकथा चलता फिरता मंदिर है। नदी के बेह प्रवाह की तरह यह भी सारे संसार में बहती है। जिसमें डुबकी लगाने से सारे पापों का हरण हो जाता है। भरत का चरित्र श्रवण करने मात्र से जीवन में संजीवनी मिलती है। भरत जी के चरित्र को आप कहीं से भी श्रवण करें उससे आपका जीवन धन्य हो जाएगा। रामकथा के आयोजक मंडल के सदस्य वाराणसी के व्यवसायी समाजसेवी किशन जालान, सूर्यकांत जालान, करुणेश खेमका, सतुआ बाबा, अखिलेश खेमका कोविड नियमावली का पालन करते हुए कथा की व्यवस्थाओं को मूर्त रूप दे रहे हैं। हिन्दुस्थान समाचार/ रतन

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in