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न्यायिक मजिस्ट्रेट को अपराध की विवेचना को मानीटर करने का अधिकार : हाईकोर्ट

सही विवेचना कराने को हाईकोर्ट आने के बजाय मजिस्ट्रेट के समक्ष दे अर्जी प्रयागराज, 27 जनवरी (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आपराधिक मामले की निष्पक्ष व सही विवेचना कराने का न्यायिक मजिस्ट्रेट को अधिकार है। इसके लिए अनुच्छेद 226 की अंतर्निहित शक्तियों का प्रयोग करने की मांग में याचिका दायर करने के बजाय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी दी जा सकती है। कोर्ट ने सही ढंग से विवेचना करने का निर्देश देने की मांग में दाखिल याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी तथा न्यायमूर्ति शमीम अहमद की खंडपीठ ने अजय कुमार पाण्डेय सहित दर्जनो याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए दिया है। कोर्ट के सामने सवाल उठा कि क्या निष्पक्ष व उचित विवेचना करने का न्यायिक मजिस्ट्रेट को निर्देश जारी करने का अधिकार है? और क्या न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष गये बिना सीधे हाईकोर्ट में इसके लिए याचिका दायर की जा सकती है? इन दोनों सवालों पर विचार करते हुए कोर्ट ने यह फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रभावशाली व्यक्ति अपराध की विवेचना को प्रभावित न कर सके इसके लिए मजिस्ट्रेट को निर्देश जारी करने का अधिकार दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि विवेचनाधिकारी का प्रारंभिक दायित्व है कि वह निष्पक्ष विवेचना करे। उसे लंबा समय नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि अनुच्छेद 21 त्वरित विचारण का अधिकार देता है। यदि मजिस्ट्रेट के संज्ञान में लाया जाता है कि विवेचना सही नही हो रही है तो वह निर्देश जारी कर सकता है। उसे पुनर्विवेचना करने का निर्देश देने का भी अधिकार है। विवेचना सही तरीके से हो मजिस्ट्रेट को मानीटर करने की शक्ति प्रदान की गयी है। यदि वैकल्पिक फोरम है तो याचिका नही की जानी चाहिए हालांकि याचिका दाखिल करने पर पूर्णतया प्रबंध नही है। सामान्यतया हाईकोर्ट को विवेचना में हस्तक्षेप नही करना चाहिए। विवेचना का उद्देश्य सच्चाई को कोर्ट में पेश करना है।इसलिए विवेचना विधि सम्मत, निष्पक्ष, निर्भीक, ईमानदारी से की जानी चाहिए। यदि विवेचना सही तरीके से नही हो रही हैं तो हाईकोर्ट आने के बजाय मजिस्ट्रेट के समक्ष अर्जी देनी चाहिए। कोर्ट ने याचिकाएं खारिज करते हुए कहा है कि याचीगण न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सही विवेचना कराने की अर्जी दाखिल करें। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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