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समाज का मनोबल ​गिराने वाली सूचनाएं प्रसारित न करें पत्रकार - आलोक

- देवर्षि नारद को स्मरण कर लोकमंगल के लिए करें पत्रकारिता लखनऊ, 28 मई (हि.स.)। भारतीय जनमानस को मीडिया पर बहुत भरोसा है। पत्रकारों को समाज का मनोबल गिराने वाली सूचनाएं प्रसारित नहीं करना चाहिए। आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जी हर विषय पर लोक कल्याण व लोकमंगल के भाव से काम करते थे। निजी स्वार्थ किनारे होता था। उनका स्मरण करते हुए पत्रकारिता करनी चाहिए। नागरिकों का मनोबल बना रहना चाहिए। शुक्रवार को यह बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख आलोक कुमार ने कही। वह आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जयंती के अवसर पर विश्व संवाद केन्द्र अवध (लखनऊ) द्वारा आयोजित “आपदा में संवाद“ विषयक वेबिनार को संम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महामारियां कब पीछा छोड़ेंगी, कुछ नहीं कहा जा सकता है। कोरोना महामारी की थर्ड वेव आने वाली है। पहली वेव में सभी ने अनुशासन का पालन किया। लेकिन सेकेंड वेव में सभी ने कोताही बरती। सरकारों ने भी लापरवाही की। मुकाबला सही से नहीं कर पाए। इसका खामियाजा सभी को झेलना पड़ा। सभी ने अपने को खोया। आलोक ने कहा कि इस महामारी ने सभी को बड़ी अजीब स्थिति में खड़ा कर दिया है। प्रकृति ने बहुत बड़ा झटका दिया है। यह महामारी पहली है, ऐसा नहीं है। लेकिन इस पीढ़ी के लिए यह पहली महामारी है। इस पृथ्वी ने ऐसी महामारियां बहुत देखी हैं। यह महामारी अंतिम है, ऐसा भी नहीं है। मानव को इन सभी से संघर्ष करना है। थर्ड वेव से बचाव की तैयारी अच्छी होनी चाहिए। वहीं, जैविक युद्ध के खिलाफ भी तैयारी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हॉलीवुड फिल्मों में भविष्य की घटनाओं की आहट है। महर्षि नारद की पत्रकारिता मूल्य पर उन्होंने कहा कि उदंत मार्तंड 1826 में प्रकाशित हुआ। यहीं से भारत में आधुनिक पत्रकारिता की शुरुआत हुई। उसमें नारदजी का चित्र था। नारदजी की पत्रकारिता में लोकमंगल की भावना है। उनका प्रत्येक से संवाद है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्र की परम्परा हमारे यहां नहीं थी। यहां सन्यासी, जोगी, भाट, प्रवचन आदि ही सामाचारों का सम्प्रेषण करते थे। जहां-जहां विचरण करते थे, समाचार ले जाते थे। आपदा काल में दूसरों के संकट को अपने कंधों पर ले लिया है आरएसएस अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ स्तम्भकार नरेंद्र भदौरिया ने कहा कि आरएसएस गम्भीरता से आपदा काल में सेवा कार्य में जुटा हुआ है। दूसरों के संकट को अपने कंधों पर ले लिया है। इस अवसर पर सैकड़ों पत्रकारों सहित अन्य लोग जुड़े। इस मौके पर अवध प्रान्त के प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दूबे ने संचालन किया। वर्चुअल कार्यक्रम में कृपाशंकर, अशोक सिन्हा, दिवाकर, समेत सैकड़ों लोग जुड़े रहे। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/विद्या कान्त

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