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उत्पीड़न के विरोध में पत्रकार संगठनों ने दिया धरना, सरकार को चेतावनी दी

-पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग वाराणसी, 06 फरवरी (हि.स.)। उत्पीड़न, झूठे मुकदमे लादने, पत्रकारों की गिरफ्तारी, कलम पर बंदिश से क्षुब्ध काशी के पत्रकारों ने शनिवार को कचहरी वरूणापुल स्थित शास्त्रीघाट पर उपवास रख धरना दिया। काशी पत्रकार संघ की पहल पर घाट पर जुटे पत्रकारों के विविध संगठनों के पदाधिकारियों के साथ अधिवक्ताओं ने भी धरना में शामिल होकर पत्रकार सुरक्षा कानून अविलम्ब लागू करने की मांग की। धरना प्रदर्शन में भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य अशोक नवरत्न भी शामिल रहे। धरना में शामिल पत्रकारों ने उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं की कड़ी निन्दा की और सरकार को चेतावनी दी कि दमनात्मक कार्रवाई बन्द नहीं हुई तो इसके खिलाफ पूरे देश में आंदोलन शुरू किया जायेगा। वक्ताओं ने पत्रकारों पर लादे गये फर्जी मुकदमों को वापस लेने और कलम पर बंदिश पर विरोध जताया। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह पत्रकारों के साथ दमनात्मक कार्यवाही हो रही है। उससे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खतरे में पड़ गयी है। धरने के पश्चात अपनी मांगों से सम्बंधित एक ज्ञापन पत्रकारों के प्रतिनिधि मंडल ने एसीएम चतुर्थ को सौंपा। प्रधानमंत्री को भेजे गये ज्ञापन में पत्रकारों के उत्पीड़न को बंद करने और पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की। अधिवक्ताओं ने पत्रकारों की मांगों को समर्थन दिया और कहा कि पत्रकारों की जायज मांगों के साथ अधिवक्ता समाज भी हर पल खड़ा रहेगा। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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