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जेवर एयरपोर्ट का मामला 30 वर्षों से था लम्बित, सरकार ने किया बड़ा फैसला: योगी आदित्यनाथ

-नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम को किया सम्बोधित लखनऊ, 01 मार्च (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट का मामला 30 वर्षों से लम्बित था। लोग निर्णय नहीं कर पा रहे थे कि एयरपोर्ट कहां पर बना है। मार्च 2017 में प्रदेश में हमारी सरकार बनी। हम लोगों ने इस सम्बन्ध में उसी समय तय कर लिया था। यह प्रदेश और देश के हित में किया गया बहुत बड़ा फैसला था। मुख्यमंत्री सोमवार को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट हस्ताक्षर कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की प्रगति संतोषजनक है। जिस प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश सरकार, यमुना अथॉरिटी व इससे सम्बन्धित सभी पक्षों ने अपने कार्यों को आगे बढ़ाया है वह प्रदेश में नई कार्यसंस्कृति प्रदर्शित करता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भारत के नए उत्तर प्रदेश के अंदर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए प्रदेश सरकार कैसा कार्य कर रही है उसका यह उदाहरण है। उन्होंने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नए भारत के नए उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि अगर हम लोग इस एयरपोर्ट को दूसरी जगह बनाने की बात करते तो हमारे सामने उसी प्रकार की दिक्कतें होती, जो आज भी उन क्षेत्रों में है। आगरा में अभी तक सिविल टर्मिनल निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पा रहा है। लेकिन, जेवर में हम सभी माइलस्टोन हासिल करते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 5 दिसम्बर, 2017 को मंत्रिपरिषद ने जेवर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास को मंजूरी दी थी। इसे पीपीपी मोड में आगे बढ़ाने की सहमति भी प्रदान की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए कंसल्टेंट के रूप में चयन की प्रक्रिया 28 मई 2018 को संपन्न हुई और उसके बाद कैबिनेट से सहमति देकर इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकास के लिए ग्लोबल ई-टेंडर की प्रक्रिया में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को प्रदेश सरकार द्वारा सेलेक्टेड बिडर घोषित किया गया था। स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट का प्रावधान समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के लिए फोर-लेन कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। प्रदेश सरकार नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से रेल व मेट्रो आदि पब्लिक ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी को जोड़ने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट कनेक्टिविटी प्रदेश में तेजी से बढ़ी है। मार्च, 2017 में हमारे पास सिर्फ वाराणसी और लखनऊ में ही एयरपोर्ट फंक्शनल थे। आज गोरखपुर, प्रयागराज, कानपुर, आगरा व हिंडन के भी एयरपोर्ट फंक्शनल हैं। वहीं 08 मार्च, 2021 से हम बरेली को भी एयर कनेक्टिविटी के साथ जोड़ रहे हैं। प्रदेश में वर्तमान में वाराणसी व लखनऊ में इंटरनेशनल फ्लाइट की सुविधा मौजूद है। कुशीनगर में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है। ईस्टर्न यूपी में हमारे पास वाराणसी व कुशीनगर, 02 इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। पश्चिम में हम नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण कार्य को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अयोध्या में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने की प्रक्रिया पर तेजी से काम कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश 05 इंटरनेशनल एयरपोर्ट का एक बड़ा केन्द्र होगा। द्वितीय विश्वयुद्ध के समय बनी एयरस्ट्रिप की भी एयरपोर्ट के रूप में स्ट्रेंथनिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए भूमि अधिग्रहण व व्यवस्थित पुनर्वास की प्रक्रिया समयबद्ध ढंग से आगे बढ़ाएं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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