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प्रमाण पत्र व मेडल के साथ बच्चों को समाज सेवा से जोड़ना जरूरी - राज्यपाल

प्रयागराज, 04 मार्च (हि.स.)। विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र एवं शील्ड मिल जाय, यह बड़ी बात नहीं। आप इस शिक्षा व्यवस्था से अब समाज में जा रहे हैं। वहां जाकर सभी कुछ ना कुछ योगदान करें। परिवार, समाज और राष्ट्र तीनों को समृद्ध करने हेतु आपको स्वयं के जीवन का लक्ष्य भी निर्धारित करना होगा। यह बातें सूबे की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने गुरुवार को उ.प्र. राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को प्रमाण पत्र व मेडल देने के साथ-साथ उन्हें समाज सेवा से जोड़ना भी जरूरी है। चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो। उन्होंने कहा कि बच्चों की रूचि के अनुसार ही आगे बढ़ने को प्रेरित करें। दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों की औपचारिक शिक्षा का वह समापन पर्व है, जब उन्हें व्यावहारिक जीवन के उद्देश्यों से परिचित कराया जाता है और एक सुयोग्य नागरिक के रूप में कर्तव्य निर्वाह की प्रेरणा दी जाती है। इसलिए इस शैक्षिक पर्व का शिक्षार्थी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। राज्यपाल ने बताया कि वह सुबह आंगनवाड़ी के बच्चियों से मिलने गयीं। वहां और यहां में काफी अन्तर है। समाज में यही ऊंच-नीच की खाईं पाटने का पूरा प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि सभी विद्यालय एक आंगनवाड़ी गोद लें तो यह खाईं दूर हो सकती है। कुल 31 सरकारी एवं 45 प्राइवेट विश्वविद्यालय हैं। लखनऊ में 26 टेक्निकल कॉलेज हैं। बताया कि मैंने इसके लिए वार्ता की तो एक कॉलेज पांच आंगनवाड़ी को गोद लिया। इस प्रकार कुल 130 आंगनवाड़ी गोद लिये गये। उनको सरकारी सुविधाएं भी मिल रही हैं। इसी प्रकार प्रयागराज जनपद में भी वार्ता किया, तो यहां भी गोद लेने की बात चल रही है। उन्होंने आगे कहा कि बच्चों को घुमाने की व्यवस्था भी करनी चाहिए, जिससे उन्हें प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि मैं एक बार जेल में महिला कैदियों से मुलाकात करने गई। जहां अधिकतर महिलाएं दहेज के लिए अपनी बहू को जला कर मार डाली थीं। पूछने पर ज्ञात हुआ कि उन्हें इस बात का बड़ा अफसोस है। ऐसे में अगर बच्चे देखेंगे तो उन्हें सीख मिलेगी कि हमें दहेज आदि के खिलाफ रहना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि मैंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन्हें रिहा करने के लिए वार्ता की। जिस पर 60 साल से ऊपर या बीमार तीस महिलाओं को बीते 26 जनवरी को रिहा किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों को प्रमाण पत्र एवं मेडल देकर शुभकामनाएं दी। और समाज में अच्छे कार्यों के लिए उन्हें जागरूक किया। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त

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