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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस: कहीं आनलाइन तो कहीं कोविड प्रोटोकाॅल में किया योग

- 7वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘योगा फाॅर वेलनेस झांसी, 21 जून (हि.स.)। योग भारतीय संस्कृति की हजारों साल पहले से ऋषि मुनियों के समय की चली आ रही परम्परा है। इसके माध्यम से मन और मष्तिष्क को संयम में रखते हुए शारीरिक व मानसिक दृणता के साथ आध्यत्म में प्रवेश किया जाता है। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के चलते सोमवार को 7वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भले ही अनुशासन में सही पर योग को लोगों ने पूरा महत्व देते हुए अपने दैनिक जीवन में अपनाया। कहीं आनलाइन योग किया गया तो अधिकांश स्थानों पर कोविड प्रोटोकाॅल को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए योग किया गया। आम जन ने अपने घर पर ही योगाभ्यास करते हुए सोशल मीडिया पर खूब वाॅयरल किया। इस बार दुनियाभर में योग दिवस का उत्सव नई थीम- “योग के साथ रहें, घर पर रहें” के तहत मनाया जा रहा है। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने 7वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर जनपदवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा है कि योग भारत की प्राचीन विधा तथा हमारी ऋषि परम्परा का प्रसाद है। योग के माध्यम से जीवन में स्वास्थ्य, सुख, शांति, समन्वय तथा कल्याण सम्भव है। जिलाधिकारी ने कहा कि योग, नकारात्मकता को दूर करने तथा शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ एवं निरोग रहने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। 7वें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘योगा फाॅर वेलनेस’ निर्धारित किया गया है। इस वर्ष यह आयोजन शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केन्द्रित होगा। रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आज योग दिवस बड़े हर्ष के साथ मनाया गया। प्रातः 06 बजे योग अभ्यास किया गया, जिसे गायत्री परिवार की श्रीमती निर्मला शर्मा एवं श्रीमती निरुपमा श्रीवास्तव द्वारा संपन्न कराया गया। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन माध्यम से स्वयं की उत्तम योग मुद्रा छायाचित्र प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस मौके पर योग विज्ञान के विद्वान आमंत्रित वक्ता डॉ लक्ष्मी नारायण पांडे भोपाल मध्य प्रदेश द्वारा ’योग जीवन जीने का तरीका विषय’ पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ अरविंद कुमार ने जीवन में योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग शरीर को ही रोगमुक्त नहीं करता बल्कि मानसिक एवं बौद्धिक स्तर पर मानव को सशक्त, शांत और ओजस्वी बनाता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शिवहरि मीणा ने भी अपने आवास पर योग व प्राणायाम करते हुए सभी को इसके लाभ से अवगत कराया। कहा कि इसे दैनिक जीवन में अपनाकर निरोगी रहा जा सकता है। झांसी उत्तर मध्य रेल मण्डल के सीनियर इंस्टिट्यूट मैदान मे योग दिवस रेल अधिकारी, कर्मचारियो द्वारा योग दिवस मनाया गया। इस दौरान सभी ने सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान दिया। उप्र राजर्षि टण्डन मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा भी योग दिवस मनाया गया। संस्थान की क्षेत्रीय निदेशक डा. रेखा त्रिपाठी ने बताया कि योग भारतीय संस्कृति का एक अंग है। यह दर्शन मात्र नहीं अपितु दैनिक जीवन का अभिन्न अंग है। कहा कि कोरोना के कारण हम सब एक स्थल पर एकत्र नहीं हो सके हैं परन्तु वर्चुअल माध्यम से छात्र छात्राओं को जोड़कर हमने कार्यक्रम सफल बनाने का प्रयास किया है। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों द्वारा भी अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर आॅनलाइन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इसमें विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसके अलावा हर विद्यायल व महाविद्यालय में भी आनलाइन प्रतियोगिताओं को आयोजन करते हुए विद्यार्थियों से योग के वीडियो, कला व क्विज प्रतियोगिताओं का आयोजन कराया गया। प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों के लिए पुरस्कार की भी व्यवस्था की गई। हिन्दुस्थान समाचार/महेश

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