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बाढ़ की अधिक लागत की परियोजनाओं पर सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश

लखनऊ, 14 मार्च(हि.स.)। उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री डा.महेन्द्र सिंह ने कहा है कि वर्ष 2020-21 में बाढ़ की कुल 254 परियोजनाएं चलित है। 146 बाढ़ परियोजनाओं का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी कर चुके हैं। शेष परियोजना मार्च, 2021 तक पूर्ण कर ली जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ की अधिक लागत की परियोजनाओं पर सीसीटीवी कैमरे लगवाये जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि कार्याें में पारदर्शिता एवं गुणवत्ता लाने के लिए कार्यों का हर स्तर पर पूर्ण डाॅक्यूमेंटेशन किया जाए। कार्य के प्रारम्भ से लेकर पूर्ण होने तक फोटोग्राफ, वीडियो रिकार्डिंग एवं ड्रोन की लागत से डाॅक्यूमेंटेशन का कार्य किया जाए एवं इसे संरक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा है कि उप्र बाढ़ नियंत्रण परिषद की स्थाई संचालन समिति द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं में से 176 परियोजनाओं पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि कार्याें को 15 मई 2021 तक पूर्ण करें। ताकि क्षेत्रीय जनता को बाढ़ से बचाव के लिए लाभ मिल सके। सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री ने अधिकरियों को निर्देश दिये कि समस्त कार्यों पर डिस्पले बोर्ड लगाया जाए, जिसमें परियोजना, ड्रेन का नाम, कार्य की लागत, कार्य कराने वाले अधिकारियों के नाम, फर्म का नाम, फर्म का कार्य, सेक्शन इत्यादि अंकित हो, ताकि जन सामान्य को कार्य की जानकारी हो। डा. सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्य की गुणवत्ता के लिये कान्ट्रैक्टर एवं अवर अभियंताओं को संवदेनशील बनाया जाए एवं अच्छे कार्य के लिए प्रेरित किया जाए। जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की कार्याें में सहभागिता सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक साइट पर अवर अभियंताओं व सहायक अभियंताओं की जिम्मेदारी निर्धारित की जाए। डा. सिंह ने बाढ़ परियोजनाओं एवं ड्रेन की सफाई की प्रगति की समीक्षा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से की। इस समीक्षा बैठक में प्रमुख रूप से मुख्य अभियंता गंडक, गोरखपुर, मुख्य अभियंता गंगा, मेरठ, मुख्य अभियंता यमुना, ओखला, मुख्य अभियंता पूर्वी गंगा, मुरादाबाद, मुख्य अभियंता शारदा सहायक, लखनऊ, प्रबन्ध निदेशक, यूपीपीसीएल लखनऊ, अधीक्षण अभियंता, गाजीपुर, मऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी एवं अधिशासी अभियंता बस्ती, बलिया, महाराजगंज, गोंडा, बलरामपुर से बाढ़ की पूर्व से चलित एवं नई परियोजनाओं एवं ड्रेन की साफ सफाई तथा ड्रेन के पुल-पुलियों के मरम्मत के कार्याें की गहन समीक्षा की गयी। हिन्दुस्थान समाचार/

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