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तीरंदाजी खेल में विश्व में भारत का विशिष्ट स्थान - अवनीश अवस्थी

- अपर मुख्य सचिव, गृह ने कहा - तीरंदाजी खेल के विकास को हर संभव सहयोग किया जायेगा - अयोध्या में होगी राष्ट्रीय स्तर की तीरंदाजी प्रतियोगिता लखनऊ, 21 मार्च (हि.स.)। तीरंदाजी का खेल एक कुशल तकनीक का परिचायक है। जिसमें मस्तिष्क व शरीर के समन्वय की आवश्यकता पड़ती है। बेहतर प्रशिक्षण के माध्यम से खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारा जा सकता है। सम्पूर्ण विश्व में भारत का तीरंदाजी के खेल में विशिष्ट स्थान है। उप्र तीरंदाजी संघ की रविवार को यहां लोक भवन स्थित कमाण्ड सेण्टर में सम्पन्न वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने यह बातें कही। बैठक में जानकारी दी गई कि अयोध्या में आगामी अगस्त माह में राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना है। श्री अवस्थी ने उप्र तीरदांजी खेल संघ द्वारा इस दिशा में किये जाने वाले प्रयासों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि शासन स्तर से इस खेल के विकास के लिये हर संभव मद्द के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि उप्र पुलिस की भर्ती में खिलाड़ियो को भी उचित प्राथमिकता मिलेगी। उन्होंने जिला स्तर पर सक्रिय तीरंदाजी खेल की इकाइयों को जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे इस खेल के विकास को नई गति व दिशा प्राप्त करने में मद्द मिलेगी। अपर मुख्य सचिव, गृह ने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों में महिला तीरंदाजों की प्रतिभाओं को भी उचित स्थान दिलाने का प्रयास किया जाय। ताकि इस खेल का अधिकाधिक प्रचार प्रसार महिलाओं में हो सके। उन्होंने कहा कि प्रयास किये जाने चाहिए कि तीरंदाजी के खेल में प्रदेश की पहचान न केवल राष्ट्रीय स्तर पर अपितु अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर भी हो सके। उप्र तीरंदाजी संघ के पदाधिकारियों ने प्रदेश के 42 विभिन्न जनपदों से आये तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष/सचिव से गहन चर्चा कर इस खेल को जनपद स्तर पर और अधिक सुदृढ़ एवं विकसित किये जाने के प्रयासों की समीक्षा की तथा इसकी बेहतरी के लिये अपने सुझाव भी दिये। प्रदेश में तीरंदाजी के बढ़ते खिलाड़ियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए प्रादेशिक तीरंदाजी प्रतियोगिताओं के आयोजन पर भी चर्चा की गयी। उप्र पुलिस एवं अन्य प्रादेशिक विभागों में खेल का कोटा रखे जाने की व्यवस्था पर भी गहन चर्चा की गयी ताकि प्रदेश की प्रतिभाओं का पलायन रोका जा सके। आगामी ओलम्पिक खेलों एवं विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओ में भारतीय तीरंदाजी दल में उप्र के खिलाड़ियों की उपस्थिति की सुनिश्चितता पर भी चर्चा की गई। हिन्दुस्थान समाचार/दीपक

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