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शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ रही भागीदारी से घटेगा उत्पीड़न : राज्यपाल

- एचबीटीयू के दीक्षांत समारोह में शुभम को मिला कुलाधिपति पदक - मान पत्र से सम्मानित हुए सामाजिक कार्यकर्ता बृजेन्द्र प्रताप सिंह कानपुर, 29 जनवरी (हि.स.)। देश के सभी क्षेत्रों में महिलाएं आगे बढ़ रही है, जिससे आने वाला दिन सुखद सुनिश्चित है। खासकर शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं की बढ़ रही भागीदारी से उत्पीड़न के ग्राफ में गिरावट आना तय है। ऐसे में विश्वविद्यालय में बालिकाओं के शिक्षण कार्य को बढ़ावा दिया जाये और सामाजिक कार्यों से भी विश्वविद्यालय जुडे। यह बातें शुक्रवार को एचबीटीयू के दीक्षांत समारोह के दौरान उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कही। हरकोर्ट बटलर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) ने शुक्रवार को अपना दूसरा दीक्षांत समारोह का आयोजन राधा कृष्णन सभागार में किया। समारोह की अध्यक्षता कुलाधिपति व प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने की। सबसे पहले वंदेमातरम हुआ और विश्वविद्यालय का गान हुआ। कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने दीक्षांत समारोह की शुरुआत की घोषणा की। कुलपति प्रो. नरेन्द्र बहादुर सिंह ने विश्वविद्यालय की प्रगति आख्या प्रस्तुत कर बताया कि विगत वर्ष में विश्वविद्यालय का सेवायोजन 82 प्रतिशत तक होने के साथ-साथ छात्रों का अधिकतम पैकेज 60 लाख तक हुआ। विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने लगभग 150 शोध पत्र प्रस्तुत किए। विश्वविद्यालय ने इस वर्ष कई ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू हस्ताक्षरित किए तथा जिसका कार्य प्रगति पर है। इस दौरान मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र शुभम कुमार सिंह को कुलाधिपति पदक प्रदान किया गया। इसके साथ ही 35 अन्य छात्रों को 13 स्वर्ण, 12 रजत एवं 10 कांस्य पदक प्रदान किये गये। वहीं बीटेक के 445, एमसीए के 55 एवं एमटेक के 72 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गयी। राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षण कार्यों के साथ-साथ सामाजिक सारोकार के कार्यों से जुड़े। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के शिक्षण कार्य को बढ़ावा दिये जाने, कुपोषण को समाप्त करने तथा अन्य सामाजिक कार्यों के लिए विश्वविद्यालय प्रोजेक्ट तैयार कर उसी के अनुरुप कार्यवाही करे। उन्होंने उपाधि धारक छात्र-छात्रओं को उपाधियां वितरित कर बधाई देते हुए कहा कि वह अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारित कर उसकी प्राप्ति के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक दिन ऐसा होना चाहिए कि स्कूली बच्चे विश्वविद्यालय का भ्रमण करें ताकि वह पठन-पाठन के लिए और अधिक प्रेरित हो सकें। मुख्य अतिथि एआईसीटीई नई दिल्ली के चेयरमैन प्रोफेसर अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने देश तथा विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ हैकेथान आयोजन के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालयों को बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इस दौरान राज्य मंत्री संदीप सिंह, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, जिलाधिकारी आलोक तिवारी, एसएसपी डा. प्रीतिन्दर सिंह सहित विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आदि मौजूद रहें। मान पत्र से सम्मानित हुए बृजेन्द्र प्रताप सिंह सामाजिक कार्यकर्ता बृजेन्द्र प्रताप सिंह को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मान पत्र से सम्मानित किया। जलाशय, तालाब और पोखरों पर कार्य करने वाले बृजेन्द्र प्रताप सिंह का सबसे महत्वपूर्ण कार्य पाण्डु नदी को दोबारा अस्तित्व में लाना रहा। उन्ही के प्रयासों से आज पाण्डु नदी की अविरल धारा कलकल बह रही है। राज्यपाल ने इसके साथ ही समाजसेवी सरिता वहाब और धर्मेन्द्र कुमार सिंह को भी मान पत्र से सम्मानित किया। इस दौरान प्राथमिक विद्यालय जागेश्वर मन्दिर के 15 विद्यार्थियों को प्रेरणा दायी पुस्तकें एवं फल का वितरण किया गया। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/दीपक/मोहित-hindusthansamachar.in

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