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सीएसआई-एसआईजी ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स में राज्य वर्ग में उप्र पुरस्कृत, सात अन्य पुरस्कार भी मिले

-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विजेताओं को किया पुरस्कृत लखनऊ, 12 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी में '18वें सीएसआई-एसआईजी ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स-2020' कार्यक्रम में विजेताओं को पुरस्कृत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्था की स्मारिका 'एट्टीन्थ एनीवर्सरी ऑफ द अवॉर्ड्स' एवं पुस्तक 'न्यू एरा इन डिजिटल गवर्नेन्स' का विमोचन भी किया। सीएसआई-एसआईजी ई-गवर्नेन्स अवॉर्ड्स-2020 के अन्तर्गत राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किया गया। इसके अतिरिक्त राज्य को 07 अन्य पुरस्कार प्राप्त हुए। 'अवॉर्ड ऑफ एक्सीलेन्स' वर्ग में प्रदेश के 'जनसुनवाई समाधान' तथा 'निवेश मित्र', 'अवॉर्ड ऑफ एप्रीसिएशन' वर्ग में 'सीएम हेल्पलाइन-1076', 'रोजगार संगम', 'सीएमआईएस (प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग सिस्टम)' व 'यूपी स्किल डेवलपमेण्ट मिशन' तथा 'अवॉर्ड ऑफ रिकग्निशन' वर्ग में 'प्रेरणा (प्रॉपर्टी इवैल्यूएशन एण्ड रजिस्ट्रेशन एप्लीकेशन)' को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किए जाने के साथ-साथ सात अन्य पुरस्कार भी प्रदान किए जाने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कृत किए गए विभागों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इससे अन्य विभागों व संस्थाओं को भी बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ई-गवर्नेन्स के क्षेत्र में अग्रणी है। राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक व्यक्ति तक शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए तकनीक का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल रहा है। साथ ही, प्रदेश की छवि में सकारात्मक बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर सोसाइटी ऑफ इण्डिया द्वारा राज्य वर्ग में उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किए जाने के साथ ही, राज्य की 07 परियोजनाओं को भी पुरस्कृत किया जाना, इसका प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मंत्रिमण्डल की आगामी बैठक ई-कैबिनेट के माध्यम से सम्पन्न होगी। वहीं 18 फरवरी से विधान मण्डल सत्र के दौरान तकनीक के व्यापक प्रयोग के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विधायकों का प्रशिक्षण भी कराया जा रहा है। तकनीक का प्रयोग करते हुए पेपरलेस बजट प्रस्तुत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ई-पॉस मशीनों के माध्यम से राशन की दुकानों से जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है। प्रदेश की शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र की सभी 80 हजार उचित दर की राशन की दुकानों से खाद्यान्न वितरण ई-पॉस मशीनों के माध्यम से होने से पारदर्शिता आयी है। प्रदेश में राशन वितरण में लाभार्थियों की संतुष्टि का स्तर 96 प्रतिशत से अधिक है। इसके साथ ही, तकनीक के प्रयोग से पिछले दो वर्ष में खाद्यान्न वितरण में राज्य को 2500 करोड़ रुपये की बचत भी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ई-ऑफिस परियोजना संचालित की जा रही है। इससे शासकीय कार्यों में शीघ्रता, सुगमता व पारदर्शिता आयी है। विभिन्न विभागों में तकनीक के माध्यम से कार्यों का सम्पादन किया जा रहा है। गन्ना किसानों को गन्ने की पर्ची प्राप्त करने में परेशानी होती थी। तकनीक की मदद से अब किसान को गन्ने की पर्ची उसके मोबाइल पर प्राप्त हो जाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अप्रैल 2020 में ‘स्वामित्व योजना’ प्रारम्भ की थी। इस योजना के अन्तर्गत ड्रोन के माध्यम से एक-एक घर की मैपिंग कर लोगों को उनके घर के स्वामित्व के अभिलेख प्रदान किए जा रहे हैं। इससे गांव में होने वाले भूमि के विवाद समाप्त होंगे। उन्होंने कहा कि आज ही 11 जनपदों के एक हजार गांवों के 1.57 लाख परिवारों को उनके घर के मालिकाना हक के अभिलेख उपलब्ध कराए गए हैं। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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