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कोरोना काल में जान लड़ाये हम, भूखों भी मरे हम: आउट सोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मी

झांसी, 13 फरवरी(हिं.स.)। कोविड-19 के तहत में स्वास्थ्य विभाग के आउट-सोर्सिंग कर्मियों द्वारा आम जन की जानमाल की रक्षा का दायित्व निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मी आज भूखों मरने की कगार पर हैं ,जिनमें अधिकतर स्वास्थ्य कर्मियों (कोरोना योद्धाओं ) को लगभग पिछले 6-7 महीनों से वेतन ही नही मिली। शनिवार को सभी इकट्ठा होकर पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के आवास पर पहुँच कर अपना दुखड़ा सुनाया। आउट सोर्सिंग स्वास्थ्यकर्मियों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि हम सब अधिकतर अति निर्धन परिवार की बेटे-बेटियां हैं, जो जान जोखिम में डालकर अपनी गरीबी के चलते परिवार की मजबूरी को ताक पर रख कर कोरोना योद्धाओं के रूप में सेवाएं देकर राष्ट्र हित मे आमजनों की जानमाल की रक्षा कर समाज को कोरोना महामारी से लड़ने की ताकत दी। आज शासन व प्रशासन द्वारा इनका उपयोग कर निकाल बाहर का रास्ता दिखा कर बेरोजगार कर यह कह दिया कि आपको कोरोना महामारी से निपटने के लिए सेवाओं के लिए रखा गया था। चूंकि अब कोरोना नही हैं। अस्पताल सरकार के आदेश पर बंद कर दिये। इस आधार पर अब आपकी सेवाएं स्वतः ही समाप्त कर गयी हैं। पूर्व केन्द्रीय मन्त्री द्वारा सभी आउट सोर्सिंग स्वास्थ्य कर्मियों की बात सुन विभागीय उच्च अधिकारियों में जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधीक्षक, आउट सोर्सिंग ठेकेदार से सम्पर्क कर वार्ता में सार्थक पहल की सहमति व्यक्त कर देकर पुनः सेवाएं देने की उच्च अधिकारियों द्वारा बात कही गई। जिसमंे डॉ,. हरीश चंद्र आर्य द्वारा एक सप्ताह में बकाया वेतन एवं कार्यानुभव प्रमाण पत्र भी देने की बात कही। परेशान आउट सोर्सिंग वर्कर्स ने इस दौरान डॉ सुनील तिवारी, मजहर अली, गिरजा शंकर राय आदि को अपनी आप बीती बताई। स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिनिधि मंडल द्वार अपनी परिवारिक मजबूरिया बताते हुए पुनः आउट सोर्सिंग द्वारा काम पर ले लिया जाय जिससे हम गरीबो के पेट की आग बुझ सके, घर बुझा चूल्हा फिर से जल सके। प्रतिनिधि मंडल में रुचि ,प्रियंका वर्मा, शमशाद, विमलेश, राघवेंद्र पाल, अनिल वर्मा दीपक शर्मा आदि ने अपनी बात रखी। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

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