इन-ब्लॉक मोबाइल मामले में मंत्री को करें बर्खास्त, मामले की हो सीबीआई जांच: अजय लल्लू
-प्रकरण से जुड़े सभी दोषियों की गिरफ्तारी की मांग लखनऊ, 29 दिसम्बर (हि.स.)। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने इन-ब्लॉक मोबाइल लॉन्चिंग मामले में कौशल विकास राज्यमंत्री कपिलदेव अग्रवाल को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त करने के साथ दोषियों की गिरफ्तारी व मामले की सीबीआई जांच की मांग की है, जिससे इस खेल में पर्दे के पीछे छिपे खिलाड़ी भी बेनकाब हो सकें। प्रदेश अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश के कौशल विकास राज्यमंत्री व उनके भाई सहित विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री व भाजपा विधायक ने पांच सितारा होटल में जिस तरह से इन ब्लॉक मोबाइल की लॉन्चिंग करते हुए उसे सरकार की कौशल विकास योजना का हिस्सा साबित करते हुए स्वदेशी उत्पाद बताकर जनता को छल के बल पर लुभाने व लूटने का षड्यंत्र रचा उसके लिये योगी आदित्यनाथ सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। इस पूरे प्रकरण में दोषियों की गिरफ्तारी के साथ सीबीआई जांच होनी चाहिये, जिससे इस खेल में पर्दे के पीछे छिपे खिलाड़ी भी बेनकाब हो सकें। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों ने निजी हितों के लिये स्वदेशी की आड़ में षड्यंत्रकारी खेल किया है, यह जनता के साथ सीधे धोखाधड़ी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि इस खेल में करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च किये गए। इन ब्लॉक मोबाइल की लॉन्चिंग करते समय और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड में इसके प्रचार पर अनाप-शनाप खर्च स्पष्ट करता है कि यह सरकार के संरक्षण में सब कुछ किया जा रहा था। यदि ऐसा नहीं था तो निजी कम्पनी के उत्पाद के प्रचार के लिये प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के फोटोयुक्त होर्डिंग कैसे लगाए गए थे। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री को क्या पता नहीं था कि उनकी फोटो का उपयोग निजी हितों के लिये किया जा रहा है। यदि उन्हें नहीं पता तो इसका मतलब यह कि उनका सूचना तंत्र नाकारा है। जबकि सच्चाई यह है कि सरकारी पीएसयू को कबाड़ करने के लिये प्रधानमंत्री लगातार निजी कंपनियों के ब्रांड एम्बेस्डर बने हुए हैं। उसी परिपाटी पर राज्य की योगी सरकार भी चल रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने फोन की लॉन्चिंग में सरकार के कौशल विकास मंत्री कम्पनी के कथित सीईओ उनके भाई, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, भाजपा विधायक व कम्पनी के प्रमोटर ने एक साथ पत्रकारवार्ता की। इन-ब्लॉक नाम के इस फोन को लॉन्च करने के बाद कंपनी के विज्ञापन का काम मंत्री के भाई ने किया, जिसके लिए करोड़ों रुपये अदा किए गए। मंत्री के भाई ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में होर्डिंग्स लगाकर प्रचार किया, लेकिन सच्चाई तो यह है कि ये फोन बाजार में आने की कौन कहे इस फर्जी कम्पनी और इसके प्रमोटर्स सहित अन्य लोगों का धरातल पर कहीं अता-पता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इतने बड़े गंभीर भ्रष्टाचार के मामले में संलिप्त मंत्री को तत्काल अपने मंत्रिमण्डल से बर्खास्त करना चाहिए। चूंकि इस भ्रष्टाचार में सत्तारूढ़ दल के मंत्री और विधायक शामिल हैं ऐसे में इस हाईप्रोफाइल भ्रष्टाचार के प्रकरण की सीबीआई जांच करायी जानी चाहिए और दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए। वरना यह माना जाएगा कि इस पूरे भ्रष्टाचार में मुख्यमंत्री जी की स्वीकारोक्ति है। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/दीपक-hindusthansamachar.in