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बचपन से वृद्धावस्था तक बालिकाओं के अहम किरदार : विवेक त्रिपाठी

नुक्कड़ नाटक कर राष्ट्रीय बालिका दिवस पर कन्या भ्रूण हत्या रोकने का संदेश झांसी, 24 जनवरी(हि.स.)। राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर एक समाज सेवी संस्थान द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन झांसी ने ईलाइट चौराहा सहित विभिन्न स्थानों पर कन्या भ्रूण हत्या रोकथाम एवं बालिका सुरक्षा पर बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा नुक्कड़ नाटक आयोजित किया गया। नुक्कड़ नाटक में मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक शहर, विवेक त्रिपाठी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक बालिकाओं के अहम किरदार हैं। इसलिए बालिकाओं को सुरक्षित किया जाए। बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने लोगों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से संदेश दिया कि बालिका के बिना किसी भी वंश की प्रगति नहीं हो सकती। बालिका बचपन से वृद्धावस्था तक परिवार में बेटी, बहू, मां सहित कई अहम किरदार निभाती है। इसलिए बालिका को जन्म से पूर्व गर्भ में ना मारा जाए। मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक शहर विवेक त्रिपाठी ने कहा चाइल्ड लाइन का यह जन जागरूकता का प्रयास निश्चितरूप से सार्थक होगा। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने व बेटियों के प्रति छोटी सोच को बदलने के लिए लोगों में जागरूकता जरूरी है। नुक्कड़ नाटक का नेतृत्व कर रहे चाइल्ड लाइन कोडिनेटर अमरदीप ने कहा बच्चों को शोषण से बचाने के लिए चाइल्ड लाइन जिले में लगातार विभिन्न गतिविधि आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रही है। यही प्रयास चाइल्ड लाइन द्वारा नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के साथ किसी भी प्रकार की शोषण की घटनाएं होती है तो डरें नहीं बल्कि सम्बधित निःशुल्क नंबरों 112, 1090, 1098 पर शिकायत करें। तत्काल शोषण से बचाव होगा। इस मौके पर चाइल्ड लाइन टीम से सोनिया पस्तोर, अमित पटेल, मुहम्मद महताव, राम लखन यादव, हेमन्त पस्तोर, अरविन्द्र तिवारी, अनुराधा, दीक्षा अहिरवार, एवं बुन्देलखण्ड विश्व विद्यालय के छात्र-छात्रों अजहर, प्रिया अहिरवार, किरन यादव, आस्था गुप्ता, पिंकी कुशवाहा शारा परवीन, अकिंत यादव, द्वारा नुक्कड नाटक किया गया। बेटियां नहीं बेटों से कम,जोड़ती हैं दो परिवार चाइल्ड लाइन के निदेशक डा. संजय सिंह ने बताया कि बेटियां किसी भी सूरत में बेटो से कम नही होती। बेटियां दो परिवार को जोड़ती है। बेटियों को बोझ न समझा जाये। उन्होने कहा कन्या भ्रूण हत्या सामाजिक अभिशाप है। इसे जड से खत्म करने के लिए लोगो विशेष कर महिलाओं का जागरूक होना अति आवश्यक है। हिन्दुस्थान समाचार/महेश-hindusthansamachar.in

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