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समाज एवं व्यवस्था समझने के लिये इतिहास की जानकारी आवश्यक : प्रो विश्वकर्मा

सनातन एकता मिशन के स्थापना दिवस पर ‘‘सनातन श्री’’ सम्मान की शुरूआत प्रयागराज, 13 मार्च (हि.स.)। किसी भी समाज और व्यवस्था को समझने के लिये उसके इतिहास की जानकारी होना अति आवश्यक है। जबकि षड्यंत्र वश हमारी आने वाली पीढ़ी को ऐसी शिक्षा दी जाती रही, जिससे सनातन के गौरवशाली इतिहास की पर्याप्त जानकारी ही आने वाली पीढ़ियों का नहीं हो सकी। उक्त विचार उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने शनिवार को सनातन एकता मिशन की स्थापना दिवस पर व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज समय आ गया है शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन कर समृद्धशाली और गौरवशाली सनातन संस्कृति, समाज, संस्कार की शिक्षा देकर नई पीढ़ी में राष्ट्रवाद और उच्च चरित्र निर्माण किया जा सके। बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिये आने वाली पीढ़ी को विज्ञान और तकनीकी के साथ साथ भारतीय संस्कृति और संस्कार की शिक्षा विशेष रुप से देनी पड़ेगी। क्योंकि आने वाले समय में देश की बागडोर जिन हाथों में होगी, उन्हें अपनी संस्कृति का ज्ञान आवश्यक है। सनातन एकता मिशन प्रयागराज के स्थापना दिवस पर शिक्षा, चिकित्सा, संगीत कला, विधि, राजनीति व पत्रकारिता के क्षेत्र से समाज में विशिष्ट योगदान देने वाली विभूतियों को सम्मानित करने के लिये “सनातन श्री“ सम्मान श्रृंखला की शुरुआत की गई। जिसके तहत शिक्षा क्षेत्र में प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी और प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा को सम्मानित किया गया। चिकित्सा क्षेत्र में अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. यू.बी यादव, संगीत एवं कला क्षेत्र में प्रो.साहित्य कुमार नाहर कुलपति राजा मानसिंह तोमर विश्वविद्यालय ग्वालियर, राजनीति में क्षेत्रीय सांसद केशरी देवी पटेल और विधि क्षेत्र में हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता वी.सी मिश्र को शाल, मोतियों की माला के साथ मिशन द्वारा बनवाई गई अखंड रामचरित मानस, भगवद्गीता, दुर्गासप्तशती और सहस्त्र नाम मंत्रों की पेन ड्राइव भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने आने वाली पीढ़ियों को सनातन संस्कृति और संस्कार को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने समाज में बढ़ती अनैतिकता और पतन के लिये समाज का सनातन संस्कृति से विमुख होना मुख्य कारण बताया। अंत में उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया। हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/दीपक

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