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पुलिस अफसरों की कार्यप्रणाली पर हाईकोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

फायरमैन के निलम्बन आदेश पर रोक प्रयागराज, 10 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फेस-2 नोएडा जनपद गौतमबुद्ध नगर में तैनात लीडिंग फायरमैन नरेश कुमार के निलम्बन आदेश 24 दिसम्बर 2019 पर रोक लगाते हुए स्थगित कर दिया है एवं आरोपों की विभागीय जांच बैठाये बगैर पुलिस अधिकारियों के निलम्बन को शॉकिंग करार दिया है। याचिकाकर्ता के विरूद्ध आरोप था कि 23 दिसम्बर 2019 को थाना फेस-2 नोएडा गौतमबुद्धनगर में मुकदमा अपराध सं. 1083/2019 धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 में लिप्त होने व भ्रष्टाचार निवारण संगठन, मेरठ टीम द्वारा ट्रैप कर गिरफ्तार करने पर उ.प्र सरकारी कर्मचारी की आचरण नियमावली 1956 के नियम 3 का उल्लंघन कर पुलिस बल की छवि धूमिल करना एवं अनुशासनहीनता के आरोप थे। तत्कालीन वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्धनगर वैभव कृष्ण द्वारा लीडिंग फायरमैन मनोज कुमार, नोएडा गौतमबुद्धनगर को 24 दिसम्बर 2019 को उ.प्र अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम 17(1) के प्रावधानों के अंतर्गत निलम्बित कर दिया गया था एवं निलम्बन की अवधि में रिजर्व पुलिस लाइन गौतमबुद्धनगर में सम्बद्ध कर दिया गया था। याची की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं सहायक अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम का कहना था कि हाईकोर्ट ने उ.प्र सरकार बनाम जय सिंह दीक्षित व सच्चिदानंद त्रिपाठी समेत तमाम केसों में यह कानून प्रतिपादित कर दिया है कि निलम्बन आदेश पारित करते समय सक्षम अधिकारी के पास उसके खिलाफ निलम्बन के लिए पर्याप्त साक्ष्य होने चाहिए। याची के खिलाफ अधिकारी के पास कोई ऐसा साक्ष्य नहीं था जिसके आधार पर निलम्बित किया जा सके एवं याची का निलम्बन आदेश नियम व कानून के विरूद्ध है तथा याची को विद्वेष की भावना से झूठा फंसाया गया है। अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि निलम्बन आदेश नियमावली 2016 के नियम 27(4) के विरूद्ध है। क्योंकि निलम्बन आदेश फायर सर्विस मुख्यालय द्वारा जारी किया जाना चाहिए था। आदेश पारित करने से पूर्व सक्षम अधिकारी को अनुमति लेनी चाहिए, जो नहीं ली गयी। उक्त प्रकरण की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एम.सी त्रिपाठी ने पुलिस के आला अधिकारियों एवं राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्ते में जवाब तलब किया है तथा पारित निलम्बन आदेश को अग्रिम सुनवाई तक के लिए स्थगित कर दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन

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