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हाईकोर्ट ने एनसीआर में शामिल यूपी के जिलों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति पर सरकार से मांगा जवाब

प्रयागराज, 25 मार्च (हि.स.)। एनसीआर में शामिल उत्तर प्रदेश के कई जिलों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। उदय एडूकेयर एंड वेलफेयर सोसाइटी की ओर से दाखिल जनहित याचिका में प्रदूषण की मुख्य वजह लकड़ी आधारित कारखाने विशेषकर आरा मशीनों को बताया गया है। जनहित याचिका पर मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति अनिल कुमार श्रीवास्तव प्रथम ने सुनवाई की। याची का कहना है कि एनसीआर में शामिल यूपी के जिलों व हरियाणा तथा राजस्थान के आसपास के जिलों में प्रदूषण की स्थिति काफी गंभीर हो चुकी है। यहां बड़ी संख्या में लकड़ी के कारखाने विशेषकर आरा मशीनें लगाई गई हैं। यह मशीनें आसपास के जिलों से स्थानांतरित होकर एनसीआर में केंद्रित हो रही हैं। जो प्रदूषण बढ़ने की बड़ी वजह है। याचिका में कहा गया है कि राजस्थान सरकार ने कानून बनाया है कि जिले के बाहर की आरा मशीनों को वहां से हटाकर किसी और जिले में स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यहां इस प्रकार के कानून का अभाव होने के कारण बड़ी संख्या में आरा मशीनें और लकड़ी के कारखाने लगाए जा रहे हैं। कोर्ट ने इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए 26 अप्रैल तक राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन

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