high-court-chief-justice-govind-mathur-becomes-emotional-while-parting
high-court-chief-justice-govind-mathur-becomes-emotional-while-parting

बिदाई के वक्त हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर हुए भावुक

प्रयागराज, 15 अप्रैल (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर 13 अप्रैल को कोरोना काल में रिटायर हो गए। हाईकोर्ट बंद होने के चलते उनको फुलकोर्ट में रिफरेन्स नहीं दिया जा सका। हाईकोर्ट की रजिस्ट्री ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए सारे जजों को कनेक्ट कर चीफ जस्टिस को गुरूवार को विदाई दी। वैसे तो चीफ जस्टिस को 05 अप्रैल से चीफ जस्टिस के कोर्ट रूम में बैठकर कई महत्वपूर्ण केसों का निस्तारण करना था। परन्तु चीफ जस्टिस की इस बीच कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आ जाने से वह न तो फिजिकल और न ही वर्चुअल कोर्ट कर सके। वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए अपने विदाई समारोह में बोलते हुए चीफ जस्टिस माथुर उस समय बेहद भावुक हो गए, जब उन्होंने कहा कि यह उनके लिए दुर्भाग्यपूर्ण क्षण रहा, जब वह अपने रिटायरमेट के अन्तिम पांच दिन कोर्ट नहीं कर सके। यह बोलते हुए चीफ जस्टिस का गला रूंध आया, वह कुछ क्षण के लिए चुप हो गये। फिर उन्होंने पास में रखा पानी पिया और अपने को पुनः सम्हालते हुए आगे अपनी बात को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए रखा। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि उन्हें रिटायरमेट के बाद कोई दायित्व मिल जाय, पर संविधान के तहत प्रदत्त मुकदमों को तय करने का यह अधिकार नहीं मिल सकता। मालूम हो कि चीफ जस्टिस माथुर राजस्थान हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट में बतौर सीनियर जज नियुक्त हुए थे। चीफ जस्टिस डीबी भोसले के रिटायर होने के बाद उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in