काशी के मठ मंदिरों में गुरू पूर्णिमा की तैयारी, कोरोना ने भक्तों की जुटान पर लगाया ग्रहण
काशी के मठ मंदिरों में गुरू पूर्णिमा की तैयारी, कोरोना ने भक्तों की जुटान पर लगाया ग्रहण

काशी के मठ मंदिरों में गुरू पूर्णिमा की तैयारी, कोरोना ने भक्तों की जुटान पर लगाया ग्रहण

वाराणसी, 01 जुलाई (हि.स.)। बाबा विश्वनाथ की नगरी में गुरू पूर्णिमा की तैयारी मठ, मंदिरों, आश्रमों के साथ गुरू घरानों में शुरू हो गई है। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते इस बार भक्तों की जुटान मठ मंदिरों में तो नही हो पायेगी। लेकिन परम्परा को निभाने के लिए तैयारी चल रही है। पड़ाव स्थित अघोर पीठ श्री सर्वेश्वरी समूह, संस्थान देवस्थानम, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम ,रविन्द्रपुरी स्थित क्रीं कुंड, गढ़वाघाट आश्रम, अस्सी डुमराव बाग स्थित काशी सुमेरू पीठ, मणिकर्णिकाघाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम, सामनेघाट स्थित ओशो आश्रम, परमहंस आश्रम, कश्मीरीगंज स्थित श्रीराम जानकी मंदिर, तुलसीघाट, नगवां स्थित गायत्री मंदिर सहित विभिन्न आश्रम के पीठाधीश्वर अपने शिष्यों को इस बार अपने घर से ही गुरू पूर्णिमा बनाने का आह्वान कर रहे है। अस्सी डुमराव बाग स्थित काशी सुमेरू पीठ के पीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानन्द सरस्वती ने बताया कि आश्रम में श्रद्धालु तो नही आयेंगे। लेकिन गुरू पूर्णिमा की पूरी रस्म निभाई जायेगी। बताते चले इस बार गुरूपूर्णिमा का पर्व पांच जुलाई को है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता जताने के लिए है। सनातन संस्था के गुरूराज प्रभू ने बताया कि इस दिन गुरूतत्व अन्य दिनों की तुलना में 100 गुना अधिक कार्यरत रहता है। ऐसे में सभी साधकों और आम लोगों को भी आध्यात्मिक उन्नति के लिए अपने गुरू का आर्शिवाद लेना चाहिए। सनातन धर्म में गुरु और ईश्वर दोनों को एक समान माना गया है। इस कोरोना संकट काल में सभी को अपने-अपने घर भक्तिभाव से गुरू का छाया चित्र रखकर पूजन करना चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दीपक-hindusthansamachar.in

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