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अंग्रेजी हुकूमत की हार का प्रतीक गंगा मेला पर जमकर उड़े गुलाल

— रंग और गुलाल लगाकर शहरवासियों ने एक—दूसरे को दी शुभकामनाएं — आजादी के दीवानों को याद करने पर शहरवासियों को नहीं रोक सका कोरोना कानपुर, 02 अप्रैल (हि.स.)। देश के साथ महानगर में भी इन दिनों तेजी गति से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है। इसके बावजूद अंग्रेजी हुकूमत की हार का प्रतीक गंगा मेला पर जमकर रंग और गुलाल उड़े। युवाओं ने भी जमकर मेले का लुत्फ उठाया। नगर में जमकर रंग चला और युवाओं की टोलियां निकली। वहीं चौराहों पर फिल्मी धुनों पर लोगों ने खूब मस्ती की। गंगा मेला आजादी के दीवानों की याद में 1942 से कानपुर में मनाया जाता रहा है। यही नहीं शाम को सरसैया घाट पर अन्य वर्षों की भांति राजनेताओं, कारोबारियों, समाजसेवियों सहित शहरवासियों ने एक—दूसरे को बधाइयां दी। युवाओं ने भी जमकर मेले का लुत्फ उठाया। भारत छोड़ो आंदोलन के पहले उसी साल होली के पावन पर्व पर जब शहरवासी फगुआ खेल रहे थे तभी अंग्रेजी हुकूमत को रास नहीं आया और करीब 40 लोगों को जेल में डाल दिया गया। इसको लेकर कानपुर के नौजवानों में रोष व्याप्त हो गया और आजादी का बिगुल बजा दिया। इसके बाद मजबूर होकर अंग्रेजी हुकूमत ने अनुराधा नक्षत्र के दिन जेल में बंद लोगों को छोड़ा तो उसी दिन कानपुर में गंगा मेला की परंपरा शुरु हो गयी। इस गंगा मेला की परंपरा को शहरवासी अंग्रेजी हुकूमत की हार का प्रतीक भी मानते हैं। तब से आज तक अनुराधा नक्षत्र पर गंगा मेला की परंपरा चली आ रही है और शुक्रवार को अनुराधा नक्षत्र पर पूरे जोश के साथ कनपुरियों ने गंगा मेला के दिन खुद को रंगों में डुबो दिया। इस दौरान सभी रंगों में सराबोर नजर आए। हर ओर सिर्फ और सिर्फ लाल पीला हरा नीला काला रंग नजर आ रहा था। इस दिन निकलने वाला रंग ठेला लोगों के आकर्षण का केंद्र होता है। दो बड़े बड़े भैसों पर ठेला लगाकर उसपर ड्रमों को रखा जाता है। फिर उसमे रंग भरा जाता है। रंगे पुते लोग सरसैया घाट पहुंचते हैं और गंगा स्नान करते हैं। जिस रास्ते से भी रंग का ठेला निकलता है उस रास्ते पर सिर्फ रंग ही रंग नजर आता है। ठेले पर रंग का जुलूस निकाला जाता है। यह जुलूस हटिया बाजार से शुरु होकर नयागंज, बिरहाना रोड, चौक सर्राफा सहित कानपुर के पुराने मोहल्ले से होते हुए रज्जन बाबू पार्क में खत्म होता है। इसके बाद सरसैया घाट पर शहर भर के लोग इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे को होली की बधाई देते हैं। इस दौरान महापौर प्रमिला पाण्डेय, सांसद सत्यदेव पचौरी, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, राज्य मंत्री नीलिमा कटियार, विधायक सुरेन्द्र मैथानी, विधायक अमिताभ बाजपेयी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, पूर्व सांसद राकेश सचान व राजाराम पाल सहित कारोबारी और समाजसेवी आदि मौजूद रहें। हिन्दुस्थान समाचार/अजय/मोहित

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