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राज्यपाल आन्दीबेन व मुख्यमंत्री योगी ने 'चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव' के 'लोगो' का किया विमोचन

लखनऊ, 20 जनवरी (हि.स.)। राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को संयुक्त रूप से 'चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव' के 'लोगो' का विमोचन किया गया। राजभवन में 'चौरी-चौरा गोरखपुर शताब्दी समारोह' के सम्बन्ध में गठित राज्य स्तरीय आयोजन समिति की इस बैठक में 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' की कार्य योजना के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हुआ। पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाए 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' राज्यपाल ने कहा कि कार्ययोजना बनाकर 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाए। यह आयोजन लोगों में राष्ट्र भक्ति और देशप्रेम की भावना जगाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि समारोह के कार्यक्रम इस प्रकार से आयोजित किए जाएं कि सभी को चौरी-चौरा की घटना तथा भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सम्बन्ध में समग्र जानकारी प्राप्त हो सके। इन कार्यक्रमों का आयोजन सबके सहयोग से पूरी जनसहभागिता के साथ किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि चौरी-चौरा की घटना के शताब्दी समारोह पर कार्यक्रमों का आयोजन सराहनीय है। यह कार्यक्रम देश के लोगों में सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वदेशी की भावना को और मजबूत करने का माध्यम बनेंगे। उन्होंने कहा कि चौरी-चौरा की घटना पर ऐसा गीत तैयार किया जाए, जिससे इस घटना का सम्पूर्ण सन्देश जन-जन तक पहुंच सके। गांवों में शहीद स्मारक निर्मित किए जाने का सुझाव राज्यपाल ने गांवों में शहीद स्मारक निर्मित किए जाने का सुझाव देते हुए कहा कि इन स्मारकों में शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम उल्लिखित किए जाएं। शहीदों के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान करने वाली पुस्तिकाओं का भी प्रकाशन किया जाए। उन्होंने शिक्षण संस्थानों में शहीदों की प्रतिमाएं स्थापित करने का भी सुझाव दिया, जिससे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिल सके। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिजनों के सम्मान समारोह आयोजित किए जाएं। किसानों सहित ऐसे लोगों का भी सम्मान किया जाए, जिन्होंने गांव में सामाजिक विकास तथा शैक्षणिक उन्नयन आदि के लिए कार्य किया है। चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव का 'लोगो' जारी होना अच्छी शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति की बैठक का आयोजन राजभवन में किए जाने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस अवसर पर 'चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव' का 'लोगो' जारी किया गया है, जो एक अच्छी शुरुआत है। उन्होंने कहा कि सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम से स्वातंत्र्य समर का शुभारम्भ हुआ। देश के स्वाधीनता आन्दोलन में सन 1922 की चौरी-चौरा की घटना महत्वपूर्ण कड़ी बनी। इसी प्रकार, काकोरी एवं अन्य घटनाओं ने भी स्वतंत्रता आन्दोलन को दिशा देते हुए सन 1947 में भारत को आजाद कराया। चौरी-चौरा की घटना को केन्द्र में रखते हुए शताब्दी समारोह के कार्यक्रम करें आयोजित मुख्यमंत्री ने कहा कि 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' 04 फरवरी, 2021 से लेकर 04 फरवरी, 2022 तक आयोजित होगा। चौरी-चौरा की घटना का शताब्दी वर्ष समारोह शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति श्रद्धा निवेदित करने का अवसर है। 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' के अन्तर्गत वर्ष भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। राज्य के सभी जनपदों में स्वाधीनता आन्दोलन अथवा देश की रक्षा में शहीद हुए भारत माता के सपूतों के स्मारक स्थित हैं। इन शहीद स्मारकों पर चौरी-चौरा की घटना को केन्द्र में रखते हुए शताब्दी समारोह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। इससे चौरी-चौरा की घटना के सम्बन्ध में आम जनमानस सहित युवा पीढ़ी को तथ्यपरक जानकारी मिलेगी। उन्होंने कहा कि 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' के अवसर पर संचार मंत्रालय, भारत सरकार से डाक टिकट जारी करने का अनुरोध किया गया है। विभिन्न प्रतियोगिताएं और कार्यक्रम किए जाएंगे आयोजित मुख्यमंत्री ने कहा कि शताब्दी समारोह के तहत स्कूलों में निबन्ध लेखन, वाद-विवाद, पेण्टिंग आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। साथ ही, प्रदर्शनियां, पुस्तक मेला तथा अन्य कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शहीद स्मारक पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में पुलिस बैण्ड की व्यवस्था की जाएगी। शहीद स्मारकों का सौन्दर्यीकरण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा इनसे सम्बन्धित स्थलों के सम्बन्ध में जानकारी एकत्र कर उसे विभिन्न माध्यमों से जनता के समक्ष लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' के कार्यक्रम शहीदों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के प्रति सद्भाव, श्रद्धा व सम्मान में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आमजन की सहभागिता से वर्ष पर्यन्त चलने वाले 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' के कार्यक्रम राष्ट्र भक्ति की भावना जागृत करने में सफल सिद्ध होंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की संकल्पना को साकार करेंगे। चौरी-चौरा प्रसंग का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए सुनिश्चित उप मुख्यमंत्री डाॅ. दिनेश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' के दौरान चौरी-चौरा प्रसंग का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाए। इस सम्बन्ध में कविता, गीत के अलावा अन्य प्रकाशन किए जाएं। विश्वविद्यालयों में इससे सम्बन्धित शोध कार्य को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि अज्ञात शहीदों के योगदान को भी उजागर करते हुए, उनके परिजनों को सम्मानित करने का कार्य किया जाना चाहिए। पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. नीलकंठ तिवारी ने 'चौरी-चौरा शताब्दी समारोह' के कार्यक्रमों के सम्बन्ध में रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए विस्तृत जानकारी दी। बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने अपने विचार व्यक्त किए और सुझाव दिए। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in

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