Government working towards imparting higher education to five crore scheduled caste students - Akshaywar Lal Gaur
Government working towards imparting higher education to five crore scheduled caste students - Akshaywar Lal Gaur

पांच करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को उच्चतर शिक्षा देने की दिशा में कार्य कर रही सरकार-अक्षयवर लाल गौड़

बलरामपुर, 09 जनवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पं दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद के सिद्धांत पर चलते हुए देश के अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए कार्य कर रहे हैं। जिसकी सराहना आम जनमानस कर रहा है । यह बातें शनिवार को भाजपा कार्यालय अटल भवन पहुंचे बहराइच से भाजपा सांसद अक्षयवर लाल गौड़ ने पत्रकार वार्ता करते हुए कही। सांसद ने कहा कि केेंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले 5 वर्षों में 5 करोड़ से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति ( पीएमएस- एससी) की केंद्रीय प्रायोजित स्कीम बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है ताकि वे अपने उच्चतर शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें। सांसद ने बताया कि मंत्रिमंडल ने 59,048 करोड़ रुपए के कुल निवेश को अनुमोदन प्रदान किया है। जिसमें से केंद्र सरकार 35,534 करोड रुपए (60 प्रतशित) खर्च करेगी और शेष राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जायेगी। अनुसूचित जनसंख्या के शैक्षिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में अनुसूचित छात्रों के लिए मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति स्कीम भारत सरकार का सर्वाधिक हस्तक्षेप है। सरकार इन प्रयासों को और अधिक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि 5 वर्ष की अवधि के भीतर उच्चतर शिक्षा राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सके। गरीब से गरीब परिवारों के दसवीं कक्षा उत्तीर्ण छात्रों को अपनी इच्छानुसार उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों में नामित करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। अनुमान है कि 1.36 करोड़ ऐसे सबसे गरीब छात्र जो दसवीं कक्षा के बाद अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख सकते हैं उनको अगले 5 वर्षों में उच्चतर शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएगा। यह स्कीम सुदृढ़ सुरक्षा उपायों के साथ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर संचालित की जाएगी। जिससे पारदर्शिता, जवाबदेही, कार्य क्षमता तथा बिना विलंब के समयबद्ध सहायता सुनिश्चित होगी। राज्य पात्रता, जातिगत स्थिति, आधार पहचान तथा बैंक खाते के ब्योरे की ऑनलाइन पोर्टल पर अभेद्य जांच करेंगे। इस स्कीम के अंतर्गत छात्रों को वित्तीय सहायता डीबीटी मोड के माध्यम से किया जाएगा। निगरानी तंत्र को और सुदृढ़ किया जाएगा। केंद्रीय सहायता जो वर्ष 2020 21 से 2025-26 के दौरान 5 गुना से अधिक बढ़ाकर लगभग 6000 करोड़ रुपए प्रति वर्ष किया जाएगा। राज्य सरकार बड़ी संख्या में अनुसूचित वर्ग के छात्रों को लाभ पहुंचाने के लिए इस कार्य नीति को कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण भागीदार होंगे । हिन्दुस्थान समाचार/प्रभाकर/दीपक-hindusthansamachar.in

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