सरकार इतिहास में फेरबदल कर महाराजा सुहेलदेव को क्षत्रिय साबित करने की कोशिश में: ओमप्रकाश
-महाराजा सुहेलदेव राजभर की 1012वीं जयंती उत्साह के साथ मनायी गई वाराणसी, 16 फरवरी (हि.स.)। महाराजा सुहेलदेव राजभर की 1012वीं जयंती मंगलवार को उल्लासपूर्ण माहौल में मनाई गई। जयंती पर सारनाथ आकाशवाणी तिराहा स्थित महाराजा सुहेलदेव पार्क में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने महाराजा सुहेलदेव की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी श्रद्धा जताई। इस दौरान पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार राजभरों के अधिकारों को लूटने में लगी है। विरोध में पार्टी राजभरों को अधिकार दिलाने,शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व नौकरी की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार अपने खर्च से महाराजा सुहेलदेव की जयंती मना रही है। यह पार्टी की जीत है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इतिहास में फेरबदल कर महाराजा सुहेलदेव राजभर को क्षत्रिय साबित करने के लिए कूट की रचना कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आजादी से पूर्व अंग्रेजी सरकार के संविधान गजेटियर में 585 राजाओं का जिक्र है। इनमें से 165 भर जाति से संबंधित जानकारी है। इसमें महाराजा सुहेलदेव को भर शासक के रूप में बताया गया है। इसी तरह आइने अकबरी में भी महाराजा सुहेलदेव का भर शासक के रूप में उल्लेख मिलता है। पूर्व मंत्री ने कहा कि महाराजा के शासन काल में समता, स्वतंत्रता, बंधुत्व व न्याय था। कार्यक्रम में अजगरा विधायक कैलाश नाथ सोनकर, प्रदेश उपाध्यक्ष शशिप्रताप सिंह, रमेश राजभर, नित्यानंद पांडेय आदि भी शामिल रहे। -समाजवादी पार्टी ने भी मनाया जयंती अर्दली बाजार स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय में भी महाराजा सुहेलदेव की जयंती मनाई गयी। इस दौरान सपा नेताओं ने महाराजा सुहेलदेव के त्याग और व्यक्तित्व का उल्लेख कर कहा कि महाराजा ने 11वीं शताब्दी की शुरुआत में बहराइच में गजनवी सेनापति सैयद सालार मसूद गाजी को पराजित कर मार डाला था। लखीमपुर, सीतापुर, लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच और श्रावस्ती में महाराजा सुहेलदेव के नेतृत्व में 21 पासी राजाओं का महागठबंधन शासन करता था। महाराजा सुहेलदेव का जन्म वसंत पंचमी के दिन हुआ था। वे नागवंशी भारशिव क्षत्रिय थे। जिन्हें आज भर या राजभर कहा जाता है। इतिहासकारों द्वारा उन्हें एक हिंदू राजा के रूप में चिह्नित किया गया है, जिन्होंने मुस्लिम आक्रमणकारियों को हराया था। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/संजय-hindusthansamachar.in